उत्तर प्रदेश भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य, जो कि कुल 240,928 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह राज्य अपनी विविध संस्कृति और अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है। यहां का गौरवशाली इतिहास इसे अन्य राज्यों से अलग बनाता है। वहीं, प्रदेश के प्रत्येक जिले की अपनी विशेषता है। आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि यूपी का एक जिला ऐसा भी है, जिसे प्रधानमंत्रियों का शहर भी कहा जाता है। कौन-सा है यह जिला, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
उत्तर प्रदेश में कुल जिले और मंडल
उत्तर प्रदेश में कुल 75 जिले आते हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। ये मंडल कुल चार सभागों का हिस्सा हैं, जो कि पूर्वांचल, मध्यांचल, पश्चिमांचल और बुंदेलखंड हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ किताबों में हमें बघेलखंड और रोहिलखंड का भी जिक्र मिलता है। प्रदेश में कुल 75 नगर पंचायत, 28 विकास प्राधिकरण, 826 सामुदायिक विकास खंड और 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायत हैं।
उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा और सबसे छोटा जिला
उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े जिले की बात करें, तो यह लखीमपुर खीरी है, जो कि 7246 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। वहीं, सबसे छोटा जिला हापुड़ है, जो कि 660 वर्ग किलोमीटर में है। इस शहर को स्टील सिटी या फिर पापड़ के शहर के रूप में भी जाना जाता है।
किस जिले को कहा जाता है प्रधानमंत्रियों का शहर
अब सवाल है कि यूपी में किस जिले को प्रधानमंत्रियों का शहर भी कहा जाता है। आपको बता दें कि यूपी के प्रयागराज जिले को प्रधानमंत्रियों का शहर भी कहा जाता है।
क्यों कहा जाता है प्रधानमंत्रियों का शहर
अब हम जानेंगे कि आखिर प्रयागराज को ही प्रधानमंत्रियों का शहर क्यों कहा जाता है। दरअसल, देश में 1947 के बाद से अब तक कुल 16 प्रधानमंत्री रहे हैं, जिसमें नरेंद्र मोदी भारत के 16वें प्रधानमंत्री हैं। ऐसे में आपको बता दें कि इन 16 प्रधानमंत्रियों में से कुल 7 प्रधानमंत्रियों का रिश्ता प्रयागराज से जुड़ा हुआ है। यही वजह है कि इस शहर को प्रधानमंत्रियों का शहर कहा जाता है।
कौन-कौन-से प्रधानमंत्री प्रयागराज से हैं संबंधित
-पंडित जवाहरलाल नेहरू
-लाल बहादुर शास्त्री
-इंदिरा गांधी
-राजीव गांधी
-गुलजारी लाल नंदा
-विश्वनाथ प्रताप सिंह
-चंद्रशेखर राव