The Largest Exporter Of Radish: चीन दुनिया में मूली का शीर्ष निर्यातक है और यह वैश्विक निर्यात का लगभग 20% हिस्सा संभालता है। 2023 में, इस देश ने मूली के लगभग 14,000 निर्यात शिपमेंट दर्ज किए। अंतरराष्ट्रीय मूली बाजार में चीन की प्रमुखता का कारण बड़े पैमाने पर उत्पादन, बेहतर लॉजिस्टिक्स और दुनिया भर के खरीदारों से लगातार मिलने वाली मांग है। मूली के बारे में और जानने के लिए पढ़ते रहें।
दुनिया में मूली का सबसे बड़ा निर्यातक देश कौनसा है?
मूली के निर्यात में चीन पहले स्थान पर है। इसके बाद भारत और तुर्की का स्थान आता है। दुनिया भर में होने वाले मूली के कुल निर्यात में भारत का हिस्सा लगभग 14% है, जबकि तुर्की का हिस्सा करीब 11% है। इन देशों को अच्छी जलवायु, खेती के बेहतर तरीकों और मजबूत व्यापारिक रिश्तों का फायदा मिलता है। चीन की बड़ी खेती की जमीन और निर्यात में कुशलता उसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में एक मजबूत बढ़त देती है।
मूली निर्यात करने वाले शीर्ष 3 देश
1. चीन
चीन किसी भी अन्य देश की तुलना में ज्यादा मूली का निर्यात करता है। यह दक्षिण-पूर्व एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका को बड़ी मात्रा में मूली की सप्लाई करता है। इसके निर्यात में सफलता का मुख्य कारण बड़े पैमाने पर उत्पादन, कम कीमतें और आधुनिक सप्लाई चेन सिस्टम है।
2. भारत
भारत मूली के निर्यात में एक प्रमुख देश है। यह सालाना 11,000 से ज्यादा खेप भेजता है। इस देश की मूली यूएई, बांग्लादेश, नेपाल और दक्षिण-पूर्व एशिया में लोकप्रिय है। यहां साल भर होने वाली खेती और कई तरह की किस्में इसके निर्यात को लगातार बढ़ाने में मदद करती हैं।
3. तुर्की
तुर्की मुख्य रूप से यूरोपीय देशों को मूली का निर्यात करता है। अपनी सफेद और लाल छिलके वाली किस्मों के लिए मशहूर तुर्की की मूली का इस्तेमाल कच्चा और अचार दोनों रूपों में किया जाता है। इस देश को ज्यादा मांग वाले बाजारों से नजदीकी और मजबूत कृषि ढांचे का लाभ मिलता है।
मूली के बारे में रोचक तथ्य
मूली का इतिहास बहुत पुराना है
मूली की खेती 2,000 से ज्यादा सालों से की जा रही है। प्राचीन मिस्र में पिरामिड बनाने वाले मजदूर भी इसे खाते थे।
यह बहुत तेजी से उगती है
मूली की कुछ किस्में केवल 3 से 4 हफ्तों में तैयार हो जाती हैं। यह इसे सबसे तेजी से उगने वाली सब्जियों में से एक बनाती है।
यह कई रंगों और आकारों में आती है
आमतौर पर मूली सफेद या लाल होती है, लेकिन यह बैंगनी, काले या हरे रंग की भी हो सकती है। इसका आकार गोल से लेकर लंबा और पतला तक हो सकता है।
विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
मूली पाचन में मदद करती है, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और इसमें कैलोरी कम होती है। यह सेहतमंद खाने के लिए बहुत अच्छी है।
पारंपरिक चिकित्सा में इस्तेमाल
आयुर्वेद और पारंपरिक चीनी चिकित्सा में, मूली का उपयोग लिवर, गॉलब्लैडर (पित्ताशय) और पाचन से जुड़ी समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है।
कोरियाई मूली पश्चिमी किस्मों से अलग होती है
कोरियाई "मू" (mu) आकार में बड़ी और ज्यादा घनी होती है। इसका स्वाद हल्का होता है, जो इसे किमची और सूप के लिए बेहतरीन बनाता है।
मूली के पत्ते भी खाने लायक होते हैं
मूली के पत्तों को अक्सर फेंक दिया जाता है, लेकिन वे असल में पौष्टिक होते हैं। इन्हें पकाकर या सूप और सलाद में डालकर खाया जा सकता है।
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