यूपी का इकलौता गांव! 37 सालों से दर्ज नहीं हुई एक भी FIR, इस जिले में है स्थित

Oct 8, 2025, 13:56 IST

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले का नियामतपुर गांव देश के लिए मिसाल है। यहां पिछले 37 सालों से एक भी FIR दर्ज नहीं हुई। हर विवाद को पंचायत और बुजुर्ग आपसी बातचीत से सुलझा लेते हैं। इस अनोखी परंपरा ने गांव को शांति और समझदारी की पहचान बना दिया है।

गांव के प्रधान ने 1988 में पहल कर यह परंपरा शुरू की थी। तब से लेकर आज तक हर मामला गांव के भीतर ही बातचीत और समझौते से सुलझाया जाता है।
गांव के प्रधान ने 1988 में पहल कर यह परंपरा शुरू की थी। तब से लेकर आज तक हर मामला गांव के भीतर ही बातचीत और समझौते से सुलझाया जाता है।

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले का नियामतपुर गांव अनोखी मिसाल है। इस गांव से यहां के थाने में पिछले 37 सालों से एक भी FIR दर्ज नहीं हुई। हर विवाद या झगड़ा गांव की पंचायत और बुजुर्ग आपसी बातचीत से सुलझा देते हैं। इस परंपरा से रिश्ते मजबूत बने रहते हैं और गांव शांति की मिसाल पेश कर रहा है।

37 साल से बिना FIR वाला गांव

बता दें कि यूपी के शाहजहांपुर जिले के सिधौली थाना क्षेत्र का नियामतपुर (Niyamatpur) गांव देश के लिए एक अनोखी मिसाल है। यहां पिछले 37 वर्षों से किसी भी विवाद या झगड़े की FIR थाने में दर्ज नहीं हुई। वजह यह है कि यहां के लोग हर समस्या का हल आपसी बातचीत और समझौते से निकालते हैं

पंचायत और बुजुर्ग सुलझाते हैं झगड़े

गांव की आबादी लगभग 1,400 है, जिसमें बिजलीखेड़ा और नगरिया बहाव जैसे मजरे भी शामिल हैं। ग्रामीणों का कहना है कि 1988 से अब तक कोई भी मामला थाने तक नहीं पहुंचा। यदि कोई विवाद होता है तो गांव के बड़े-बुजुर्ग और पंचायत मिलकर तुरंत समाधान कर देते हैं।

आपसी समझौते की परंपरा

गांव के प्रधान ने 1988 में पहल कर यह परंपरा शुरू की थी। तब से लेकर आज तक हर मामला गांव के भीतर ही बातचीत और समझौते से सुलझाया जाता है। एक बार जब रिश्तेदारों में गंभीर झगड़ा हुआ था और पुलिस को बुलाया गया, तो प्रधान ने पुलिस को वापस भेजकर मामले को पंचायत और बुजुर्गों की मदद से निपटा दिया।

रिश्तों में मजबूती और समाज के लिए मिसाल

नियामतपुर गांव में किसी बाहरी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं पड़ती। यहां लोग आपसी बातचीत से मतभेद दूर कर रिश्तों को मजबूत बनाए रखते हैं। आज के समय में जहां छोटी-सी बात पर लोग थाने या कोर्ट पहुंच जाते हैं, वहीं यह गांव पूरे समाज के लिए शांति और समझदारी की मिसाल बनकर उभरा है। ग्रामीणों की यही इच्छा है कि आने वाले वक्त में भी उन्हें पुलिस की जरूरत न पड़े।

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