भारत की राजनीति में ऐसे कई नेताओं ने एक लंबा सफर तय किया है, जिन्होंने विधायक (MLA) के तौर पर काम करते हुए राजनीतिक सोच को एक दिशा दी है।
उनका लंबा कार्यकाल न केवल उनकी राजनीतिक स्थिरता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि इन नेताओं ने लगातार लोगों का गहरा विश्वास और समर्थन हासिल किया है।
महाराष्ट्र के अजित पवार और बालासाहेब थोरात से लेकर तमिलनाडु के दुरई मुरुगन, के. ए. सेंगोट्टैयन और के. के. एस. एस. आर. रामचंद्रन तक, इन सभी नेताओं ने विधायक (MLA) के रूप में अपनी राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाई है। इन नेताओं ने कई कार्यकालों में नीतियां बनाई हैं, सरकार का मार्गदर्शन किया है और अपने राज्यों के विकास में एक बड़ी भूमिका निभाई है।
इस लेख में हम भारत में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले विधायकों की सूची देखेंगे। यह सूची इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे इन राजनेताओं ने राजनीतिक माहौल को बदला है। यह उनकी मुश्किलों से लड़ने की क्षमता, समय के साथ खुद को ढालने की कला और अपने चुनावी क्षेत्रों के प्रति उनकी मजबूत प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।
भारत में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले विधायकों की सूची
यहां भारत में सबसे लंबे समय तक विधायक (MLA) रहने वाले नेताओं की सूची दी गई है:
नाम | राज्य | कार्यकाल (कई बार) |
अजित पवार | महाराष्ट्र | 1991–1995, 1995–1999, 1999–2004, 2004–2009, 2009–2014, 2014–2019, 2019–अब तक |
बालासाहेब थोरात | महाराष्ट्र | 1985–1990, 1990–1995, 1995–1999, 1999–2004, 2004–2009, 2009–2014, 2014–2019, 2019–अब तक |
चंपई सोरेन | झारखंड | 2005–2009, 2009–2014, 2014–2019, 2019–अब तक |
चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह | झारखंड | 2000–2005, 2005–2009, 2009–2014, 2014–2019, 2019–अब तक |
दिलीप वलसे पाटिल | महाराष्ट्र | 1990–1995, 1995–1999, 1999–2004, 2004–2009, 2009–2014, 2014–2019, 2019–अब तक |
दुरई मुरुगन | तमिलनाडू | 1971–1977, 1989–1991, 1996–2001, 2001–2006, 2006–2011, 2011–2016, 2016–2021, 2021–अब तक |
गुलाब चंद कटारिया | राजस्थान | 1977–1980, 1980–1985, 1993–1998, 1998–2003, 2003–2008, 2008–2013, 2013–2018, 2018–अब तक |
जय राम ठाकुर | हिमाचल प्रदेश | 1998–2003, 2003–2007, 2007–2012, 2012–2017, 2017–2022, 2022–अब तक |
जयंत पाटिल | महाराष्ट्र | 1990–1995, 1995–1999, 1999–2004, 2004–2009, 2009–2014, 2014–2019, 2019–अब तक |
के. ए. सेंगोट्टैयन | तमिलनाडू | 1977–1980, 1980–1984, 1984–1989, 1989–1991, 1991–1996, 2006–2011, 2011–2016, 2016–2021, 2021–अब तक |
के. चंद्रशेखर राव | तेलंगाना | 1985–1989, 1989–1994, 1994–1999, 1999–2001, 2001–2004, 2014–2018, 2018–अब तक |
के. के. एस. एस. आर. रामचंद्रन | तमिलनाडू | 1977–1980, 1980–1984, 1984–1989, 1989–1991, 2001–2006, 2006–2011, 2016–2021, 2021–अब तक |
कालिदास कोलंबकर | महाराष्ट्र | 1990–1995, 1995–1999, 1999–2004, 2004–2006, 2006–2009, 2009–2014, 2014–2019, 2019–अब तक |
कमला बेनीवाल | राजस्थान | 1954–1957, 1980–1985, 1985–1990, 1993–1998, 1998–2003 |
एम. के. स्टालिन | तमिलनाडू | 1989–1991, 1996–2001, 2001–2006, 2006–2011, 2011–2016, 2016–2021, 2021–अब तक |
एन. रंगास्वामी | पुडुचेरी | 1991–1996, 1996–2001, 2001–2006, 2006–2011, 2011–2016, 2016–2021, 2021–अब तक |
नीलकंठ सिंह मुंडा | झारखंड | 2000–2005, 2005–2009, 2009–2014, 2014–2019, 2019–अब तक |
पवन कुमार चामलिंग | सिक्किम | 1985–1989, 1989–1994, 1994–1999, 1999–2004, 2004–2009, 2009–2014, 2014–2019, 2019–अब तक |
फणी भूषण चौधरी | असम | 1983–1985, 1985–1991, 1991–1996, 1996–2001, 2001–2006, 2006–2011, 2011–2016, 2016–2021, 2021–अब तक |
प्रदीप यादव | झारखंड | 2000–2002, 2005–2009, 2009–2014, 2014–2019, 2019–अब तक |
राधाकृष्ण विखे पाटिल | महाराष्ट्र | 1995–1997, 1997–1999, 1999–2004, 2004–2009, 2009–2014, 2014–2019, 2019–अब तक |
रतन लाल नाथ | त्रिपुरा | 1993–1998, 1998–2003, 2003–2008, 2008–2013, 2013–2018, 2018–2023, 2023–अब तक |
वी. वैथिलिंगम | पुडुचेरी | 1980–1985, 1985–1990, 1990–1991, 1991–1996, 1996–2001, 2001–2006, 2006–2011, 2011–2016, 2016–2019 |
निष्कर्ष
भारत में सबसे लंबे समय तक विधायक (MLA) रहने वाले नेता मुश्किलों का सामना करने की क्षमता और अपने चुनावी क्षेत्रों के साथ मजबूत जुड़ाव का प्रतीक हैं। उनका लंबा कार्यकाल और राजनीति में उनकी मौजूदगी न केवल उनके व्यक्तिगत नेतृत्व को, बल्कि उन पर जनता के विश्वास को भी दर्शाती है। भविष्य में भी ये नेता राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करते रहेंगे और नेताओं की आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे।
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