संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) किसी भी स्थान को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा तब देता है, जब उसका कोई विशेष सांस्कृतिक या भौतिक महत्त्व होता है। यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची से अब तक केवल चार स्थलों को हटाया गया है। इनमें जॉर्जिया का बग्राती कैथेड्रल, जर्मनी की ड्रेसडेन एल्बे वैली, ओमान का अरेबियन ओरिक्स सैंक्चुअरी और यूनाइटेड किंगडम का लिवरपूल - मैरीटाइम मर्केंटाइल सिटी शामिल हैं। आइए जानें कि किन कारणों से इन स्थलों को सूची से हटाया गया।
ओरिक्स सेंचुरी
यूनेस्को की सूची से हटाया जाने वाला पहला स्थल
अवैध शिकार और प्राकृतिक आवास को हो रहे नुकसान की चिंताओं के कारण यूनेस्को परिषद ने 2007 में ओमान के अरेबियन ओरिक्स सैंक्चुअरी को सूची से हटा दिया। यह ऐसा पहला स्थल था।
इस सैंक्चुअरी को 1994 में विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता मिली थी। प्राकृतिक आवास के बिगड़ने और अवैध शिकार के कारण ओरिक्स की आबादी लगभग खत्म हो गई थी। उस जगह पर तेल की खोज के बाद सरकार ने सैंक्चुअरी का आकार 90% कम करने का फैसला किया। इसी वजह से इसे सूची से हटा दिया गया। जब यह दर्जा हटाया गया, तब वहां ओरिक्स के केवल चार प्रजनन करने वाले जोड़े बचे थे।
ड्रेसडेन, जर्मनी की एल्बे वैली
जर्मनी के ड्रेसडेन में स्थित एल्बे वैली को 2009 में विश्व धरोहर सूची से हटाया गया था। यह ऐसा दूसरा स्थल था। इसे एल्बे नदी पर वाल्डश्लोस्केन रोड ब्रिज के निर्माण के कारण हटाया गया।
यूनेस्को समिति ने 25 जून, 2009 को जर्मनी की ड्रेसडेन एल्बे वैली से विश्व धरोहर स्थल का दर्जा छीनने का फैसला किया। इसका कारण वाल्डश्लोस्केन ब्रिज था, जिसका निर्माण 2007 से चल रहा था। इस पुल के कारण यह घाटी दो भागों में बंट जाती। इस 20 किलोमीटर (12-मील) लंबे स्थल को 2004 में विश्व धरोहर स्थल चुना गया था। सूची से हटाए जाने से पहले पुल का समर्थन करने वाले और इसका विरोध करने वाले स्थानीय ड्रेसडेन अधिकारियों के बीच एक लंबी लड़ाई चली। इस पुल का उद्देश्य शहर के अंदर ट्रैफिक जाम को कम करना था।
लिवरपूल
तीसरा स्थल लिवरपूल, यूके का मैरीटाइम मर्केंटाइल सिटी थी। इसे 21 जुलाई, 2021 को सूची से हटाया गया। इसे 2004 में विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया गया था और इसे "उस समय के व्यापारिक बंदरगाह का सबसे बेहतरीन उदाहरण माना जाता था, जब दुनिया पर ब्रिटेन का सबसे ज्यादा प्रभाव था।" इसमें शहर के केंद्र में छह स्थान शामिल थे।
यह कार्रवाई तब की गई, जब 2012 में यूनेस्को के एक आयोग ने पाया कि शहर के केंद्र के पास एक पुराने इलाके में किया जाने वाला विकास, इस स्थल की मौलिकता और उसके मूल स्वरूप को नुकसान पहुंचाएगा। शहर के तट के किनारे होने वाले नए विकास कार्यों में एवर्टन फुटबॉल क्लब का प्रस्तावित स्टेडियम भी शामिल है। यह स्टेडियम 2024–25 सीजन के लिए खुलने वाला है।
बग्राती कैथेड्रल, जॉर्जिया
2017 में यूनेस्को ने जॉर्जिया के बग्राती कैथेड्रल को अपनी विश्व धरोहर सूची से हटा दिया। यूनेस्को का मानना था कि बड़े पैमाने पर हो रही मरम्मत से इसकी मौलिकता और मूल स्वरूप को नुकसान पहुंचेगा। 1994 में इसे गेमाती मठ के साथ एक संयुक्त विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूची में शामिल किया गया था। 2010 में इसे खतरे में पड़े स्थलों की सूची में डाल दिया गया। 2017 में विश्व धरोहर समिति ने बग्राती कैथेड्रल को सूची से हटाने का फैसला किया, जबकि गेमाती मठ को सूची में बनाए रखा।
किसी स्थल को विश्व धरोहर सूची से हटाने के मापदंड
अगर यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति यह पाती है कि किसी विश्व धरोहर स्थल का ठीक से रखरखाव या सुरक्षा नहीं की जा रही है, तो वह स्थल अपना दर्जा खो सकता है। अगर समिति को किसी स्थल के बारे में कोई चिंता होती है, तो वह उसे 'खतरे में पड़े विश्व धरोहर स्थलों की सूची' में डाल सकती है। इसके बाद, वह चीजों को ठीक करने के लिए स्थानीय सरकार के साथ मिलकर काम करती है। अगर संबंधित स्थल में सुधार का काम असफल रहता है, तो समिति उसका दर्जा वापस ले लेती है।
कोई देश अपने किसी मौजूदा स्थल की सीमाओं को कम करने के लिए भी कह सकता है। ऐसा करने पर वह संपत्ति पूरी तरह या आंशिक रूप से धरोहर सूची से हट जाती है। विश्व धरोहर के दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी भी देश के लिए यह जरूरी है कि वह समिति को सूचित करे, अगर 'विश्व धरोहर सूची में शामिल' उसका कोई स्थल 'बहुत ज्यादा खराब हो गया है, या जब जरूरी सुधारात्मक उपाय नहीं किए गए हैं।'
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