भारत में किस शहर को कहा जाता है ‘मगरमच्छों का शहर’, जानें क्या है नाम

Sep 30, 2025, 15:51 IST

भारत में आपने अलग-अलग शहरों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत में एक शहर ऐसा भी है, जिसे मगरमच्छों का शहर भी कहा जाता है। कौन-सा है यह शहर, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

भारत में मगरमच्छों का शहर
भारत में मगरमच्छों का शहर

पानी में रहने वाले यदि खतरनाक जीवों की बात करें, तो इसमें मगरमच्छ सबसे खतरनाक जीवों में शामिल है। यह जीव अपनी मजबूत पकड़ और अपने शिकार को अचनाक दबोचने के लिए जाना जाता है।

मगरमच्छ के जबड़े में इतनी ताकत होती है कि यह एक अपने शिकार की हड्डी भी तोड़ सकता है। यही वजह है कि मगरमच्छ के मुंह से बचना बहुत ही मुश्किल होता है। भारत में अलग-अलग स्थान पर मगरमच्छ पाए जाते हैं। हालांकि, क्या आप जानते हैं भारत में एक शहर ऐसा भी है, जिसे मगरमच्छों का शहर भी कहा जाता है। कौन-सा है यह शहर, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

भारत में किस शहर को कहा जाता है मगरमच्छों का शहर 

सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि भारत में कौन-सा शहर मगरमच्छों का शहर कहलाता है, तो आपको बता दें कि गुजरात राज्य का वडोदरा शहर मगरमच्छों का शहर भी कहा जाता है। 

क्यों कहा जाता है मगरमच्छों का शहर

यदि आप वडोदरा की भौगोलिक स्थिति देखेंगे, तो यह शहर विश्वामित्री नदी के किनारे बसा हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक, इस नदी में करीब 300 मगरमच्छों का निवास है। नदी का पारिस्थितिकी तंत्र मगरमच्छों के प्रजनन और पोषण के लिए अनुकूल है। ऐसे में इस नदी में अधिक मगरमच्छ पाए जाते हैं। 

मानसून में रिहायशी इलाकों तक पहुंच जाते हैं मगरमच्छ

मानसून में जब विश्वामित्री नदी का जलस्तर बढ़ता है, तो यह पानी रिहायशी इलाकों तक पहुंच जाता है। ऐसे में इस नदी में रहने वाले मगरमच्छ भी रिहायशी इलाकों तक पहुंच जाते हैं। इस कड़ी में यहां सालभर में कई रेस्क्यू ऑपरेशन भी देखने को मिलते हैं।

शहर की शान माने जाते हैं मगरमच्छ

वडोदरा में मगरमच्छों का आम आदमी तक पहुंचना एक आम बात हो गई है। ऐसे में स्थानीय लोग मगरमच्छों को वडोदरा के पारिस्थितिकी तंत्र का अभिन्न हिस्सा मानते हैं। स्थानीय लोगों में मगरमच्छों को लेकर इतना सम्मान है कि वे इन्हें शहर की शान भी मानते हैं। 

वडोदरा शहर का इतिहास 

वडोदरा का इतिहास 812 ईस्वी के राजपत्रों में मिलता है, जिसमें इसे वादपद्रक कहा गया है। ऐसा कहा जाता है कि यहां कभी ‘वड’ यानि कि बरगद के पेड़ अधिक हुआ करते थे। ऐसे में इसे यह नाम दिय गया। हालांकि, समय-समय पर इसका नाम बदला। इस कड़ी में कभी इस शहर को ‘वारावती’ कहा गया, तो राजा चंदन के नाम पर ‘चंदनवाटी’ भी कहा गया।

अंग्रेजों का शासन हुआ, तो उन्होंने इसे बड़ौदा नाम दिया और आजादी के बाद 1974 में इसे वडोदरा कर दिया गया। यह शहर भारत के शाही परिवार गायकवाड़ परिवार के लिए भी मशहूर है, जिनका यहां निवास स्थल लक्ष्मी विलास पैलेस है। यह दुनिया का सबसे बड़ा निजी आवास है। 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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