दिल्ली की हवा में बढ़ते जहरीले कणों (AQI) के कारण अक्सर स्कूलों को बंद करना पड़ता था। साथ ही, बच्चों को मास्क लगाने पड़ते थे, जिसके कारण उन्हें सांस लेने में दिक्कतों का सामने करना पड़ता था। लेकिन अब सरकार ने इसका एक अच्छा समाधान निकालने की कोशिश की है। दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने अब सरकारी स्कूलों के दस हजार कक्षाओं में एयर प्यूरीफायर लगाने का निर्णय लिया है।
योजना की मुख्य बातें
- पहला स्टेप: दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों में शुरुआती तौर पर 10,000 कक्षाओं को चुना है।
- टेंडर प्रक्रिया: सरकार ने इसके लिए टेंडर जारी कर दिए हैं।
- लक्ष्य: भविष्य में दिल्ली के सभी 38,000 क्लासरूम में प्यूरीफायर लगाना।
- फंडिंग: इस योजना के लिए पर्यावरण उपकर का उपयोग किया जाएगा।
मंत्री आशीष सूद ने दी जानकारी
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मंत्री आशीष सूद ने बताया कि पहले केवल दस हजार कक्षाओं में एयर प्यूरीफायर लगवाए जाएंगे। इसके बाद इस योजना के फायदे को देखते हुए दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों की क्लास में करवाया जाएगा। इस दौरान उन्होंने साफ किया कि सरकार बच्चों की सेहत के साथ कोई समझौता नहीं करेगी और न ही किसी को ऐसा करने देगी। साथ ही, मंत्री ने बताया कि यह कदम सरकार की बड़ी योजनाओं में से एक है।
एयर प्यूरीफायर योजना की डिटेल्स
सभी लोग नीचे दी गई टेबल से एयर प्यूरीफायर योजना की सभी डिटेल्स की जानकारी ले सकते हैं।
| इवेंट | डिटेल्स |
| घोषणा की तिथि | 19 दिसंबर, 2025 |
| कुल क्लासरूम | 10,000 |
| कुल लक्षित क्लासरूम | 38,000 |
| घोषणाकर्ता | आशीष सूद (शिक्षा मंत्री, दिल्ली) |
| उद्देश्य | छात्रों को प्रदूषण से बचाना और इनडोर वायु गुणवत्ता सुधारना |
| अन्य उपाय | मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें और कचरा प्रबंधन |
बच्चों के लिए क्यों जरूरी है यह कदम?
बच्चों की सेहत के लिए वायु प्रदूषण काफी ज्यादा खराब होता हैं। हवा में मौजूद अधिक प्रदूषण सेहत को नुकसान पहुंचाता है। साथ ही, इसके कण सीधे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। आइए जानते हैं बच्चों के लिए यह कैसे फायदेमंद है।
- स्वास्थ्य सुरक्षा: बच्चों में अस्थमा और सांस लेने की बीमारियों का खतरा कम होगा।
- हाइब्रिड लर्निंग से राहत: हवा साफ होने पर स्कूलों को बार-बार बंद करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- बेहतर एकाग्रता: शुद्ध वातावरण में छात्र बेहतर तरीके से पढ़ाई पर ध्यान दे पाएंगे।
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