CBSE News Update: CBSE बोर्ड परीक्षा की कॉपियां कौन चेक करता है? जानें, एक कॉपी जांचने पर कितनी मिलती है फीस?

Akshara Verma
Nov 20, 2025, 19:48 IST

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) की बोर्ड एग्जाम देश के सबसे बड़े एग्जाम में से एक होते है। हर साल लाखों छात्र इन एग्जाम में शामिल होते हैं। CBSE बोर्ड की परीक्षाएं जल्द ही शुरू होने वाले हैं। स्टूडेंट्स भी अपनी तैयारियां शुरू कर चुके है। लेकिन, एग्जाम के बाद स्टूडेंट्स का सबसे बड़ा सवाल होता है कि हमारी कॉपियां कौन और कैसे चेक करेगा?

CBSE स्टूडेंट्स की कॉपियों की जांच प्रक्रिया को बेहद गोपनीय रखती है। बोर्ड इस प्रक्रिया में निष्पक्षता और सटीकता का काफी ध्यान रखती है।

कॉपियों की जांच कौन करता है? 

CBSE बोर्ड एग्जाम की आंसर शीट चेक करने के लिए केवल CBSE के अंडर आने वाले स्कूलों के टीचर्स को जिम्मेदारी दी जाती हैं। यह पूरी प्रक्रिया तीन स्टेप्स में होती हैं। 

  1. हेड एग्जामिनर 
  • यह सिनीयर टीचर्स होते हैं, जिनके पास लंबा अनुभव होता है।
  • इनका काम मूल्यांकन केंद्र पर जांच शुरू होने से पहले सभी टीचर्स को मार्किंग स्कीम समझाना होता है।
  • ये शुरुआती दौर में कुछ कॉपियों को चेक करके यह सुनिश्चित करते हैं कि सभी टीचर्स समान स्टैंडर्ड का पालन कर रहे हैं।
  1. असिस्टेंट एग्जामिनर (AE)
  • ये वे टीचर्स होते हैं, जो वास्तव में उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करते हैं।
  • इनकी नियुक्ति विषय की विशेषज्ञता और अनुभव के आधार पर की जाती है।
  • प्रत्येक AE को एक कॉपियां दी जाती हैं, उन्हें मार्किंग स्कीम के अनुसार जांचना होता है।
  1. स्क्रूटिनाइजर 
  • इन टीचर्स का काम अंक देने के बाद कॉपियों की जांच करना होता है।
  • यह सुनिश्चित करते हैं कि सभी प्रश्नों के अंक सही जगह पर दर्ज किए गए हैं। साथ ही,टोटल सही है। यह एक तरह की अंकों की क्रॉस-चेकिंग होती है।

प्रक्रिया कितनी गोपनीय होती है?

CBSE मूल्यांकन की गोपनीयता बनाए रखने के लिए सख्त नियम अपनाया है।

  • गोपनीय केंद्र: कॉपियों की जांच गोपनीय मूल्यांकन केंद्रों पर की जाती है, जो आमतौर पर बोर्ड द्वारा निर्धारित किसी स्कूल परिसर में होते हैं।
  • गोपनीय कोड: कॉपियों पर छात्र का नाम या रोल नंबर नहीं होता है, बल्कि एक गोपनीय कोड होता है, जिससे एग्जामिनर को यह पता नहीं चलता कि वह किस छात्र की कॉपी जांच रहा है।
  • डिजिटल मार्किंग: कई बार, कॉपियों को स्कैन करके डिजिटल रूप से चेक किया जाता है, जिससे पारदर्शिता और सटीकता बढ़ जाती है।

एक कॉपी चेक करने पर कितनी फीस मिलती है? 

रिपोर्ट्स के अनुसार, CBSE कक्षा 10वीं के कॉपियों के मूल्यांकन के लिए 25 रुपये और 12वीं की कॉपियों के मूल्यांकन के लिए 30 रुपये देता है। इसके साथ ही आने-जाने किराया के रूप में 250 रुपये और भोजन के लिए केवल 75 रुपये दिए दिए जाते हैं।

CBSE Board Exam Checking
CBSE Board Exam Checking

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) की बोर्ड एग्जाम देश के सबसे बड़े एग्जाम में से एक होते है। हर साल लाखों छात्र इन एग्जाम में शामिल होते हैं। CBSE बोर्ड की परीक्षाएं जल्द ही शुरू होने वाले हैं। स्टूडेंट्स भी अपनी तैयारियां शुरू कर चुके है। लेकिन, एग्जाम के बाद स्टूडेंट्स का सबसे बड़ा सवाल होता है कि हमारी कॉपियां कौन और कैसे चेक करेगा?

CBSE स्टूडेंट्स की कॉपियों की जांच प्रक्रिया को बेहद गोपनीय रखती है। बोर्ड इस प्रक्रिया में निष्पक्षता और सटीकता का काफी ध्यान रखती है।

कॉपियों की जांच कौन करता है? 

CBSE बोर्ड एग्जाम की आंसर शीट चेक करने के लिए केवल CBSE के अंडर आने वाले स्कूलों के टीचर्स को जिम्मेदारी दी जाती हैं। यह पूरी प्रक्रिया तीन स्टेप्स में होती हैं। 

  1. हेड एग्जामिनर 
  • यह सिनीयर टीचर्स होते हैं, जिनके पास लंबा अनुभव होता है।
  • इनका काम मूल्यांकन केंद्र पर जांच शुरू होने से पहले सभी टीचर्स को मार्किंग स्कीम समझाना होता है।
  • ये शुरुआती दौर में कुछ कॉपियों को चेक करके यह सुनिश्चित करते हैं कि सभी टीचर्स समान स्टैंडर्ड का पालन कर रहे हैं।
  1. असिस्टेंट एग्जामिनर (AE)
  • ये वे टीचर्स होते हैं, जो वास्तव में उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करते हैं।
  • इनकी नियुक्ति विषय की विशेषज्ञता और अनुभव के आधार पर की जाती है।
  • प्रत्येक AE को एक कॉपियां दी जाती हैं, उन्हें मार्किंग स्कीम के अनुसार जांचना होता है।
  1. स्क्रूटिनाइजर 
  • इन टीचर्स का काम अंक देने के बाद कॉपियों की जांच करना होता है।
  • यह सुनिश्चित करते हैं कि सभी प्रश्नों के अंक सही जगह पर दर्ज किए गए हैं। साथ ही,टोटल सही है। यह एक तरह की अंकों की क्रॉस-चेकिंग होती है।

प्रक्रिया कितनी गोपनीय होती है?

CBSE मूल्यांकन की गोपनीयता बनाए रखने के लिए सख्त नियम अपनाया है।

  • गोपनीय केंद्र: कॉपियों की जांच गोपनीय मूल्यांकन केंद्रों पर की जाती है, जो आमतौर पर बोर्ड द्वारा निर्धारित किसी स्कूल परिसर में होते हैं।
  • गोपनीय कोड: कॉपियों पर छात्र का नाम या रोल नंबर नहीं होता है, बल्कि एक गोपनीय कोड होता है, जिससे एग्जामिनर को यह पता नहीं चलता कि वह किस छात्र की कॉपी जांच रहा है।
  • डिजिटल मार्किंग: कई बार, कॉपियों को स्कैन करके डिजिटल रूप से चेक किया जाता है, जिससे पारदर्शिता और सटीकता बढ़ जाती है।

एक कॉपी चेक करने पर कितनी फीस मिलती है? 

रिपोर्ट्स के अनुसार, CBSE कक्षा 10वीं के कॉपियों के मूल्यांकन के लिए 25 रुपये और 12वीं की कॉपियों के मूल्यांकन के लिए 30 रुपये देता है। इसके साथ ही आने-जाने किराया के रूप में 250 रुपये और भोजन के लिए केवल 75 रुपये दिए दिए जाते हैं।

Akshara Verma
Akshara Verma

Content Writer

    Akshara Verma is an Executive Content Writer at Jagran Josh, specializing in authoritative content focused on Education, Current Affairs, and General Knowledge. A graduate of Bharati Vidyapeeth's Institute of Computer Applications and Management (BVICAM) with a Bachelor of Journalism and Mass Communication, Akshara leverages her 1.5 years of experience to create impactful pieces, building on her previous roles in content writing and Public Relations at both Genesis BCW and Dainik Bhaskar. She can be reached at akshara.verma@jagrannewmedia.com.

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