भारत दुनिया में गरम मसाले का सबसे बड़ा उत्पादक है। यह प्रतिष्ठित मसाला मिश्रण भारत में ही तैयार हुआ था। इसलिए, भारत न केवल अपने क्षेत्रीय व्यंजनों में गरम मसाले का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करता है, बल्कि बड़ी मात्रा में इसे दुनिया भर के बाजारों में निर्यात भी करता है। देश की समृद्ध कृषि विविधता और मसालों की पुरानी परंपराओं ने इसे मसाला प्रोसेसिंग और मिश्रण का केंद्र बना दिया है।
गरम मसाला क्या है और भारत इसके लिए क्यों प्रसिद्ध है?
गरम मसाला पिसे हुए मसालों का एक सुगंधित मिश्रण है, जिसमें आमतौर पर जीरा, धनिया, काली मिर्च, इलायची, दालचीनी, लौंग और जायफल शामिल होते हैं। इसकी रेसिपी हर क्षेत्र और घर में अलग-अलग हो सकती है, लेकिन इसका मकसद एक ही रहता है: खाने की गरमाहट, सुगंध और स्वाद को बढ़ाना। भारत की खाने से जुड़ी गहरी परंपराओं के कारण यहां बड़े पैमाने पर गरम मसाला बनाया जाता है और अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से उसमें बदलाव भी किए जाते हैं।
भारत के किन राज्यों में सबसे ज्यादा गरम मसाला बनता है?
गरम मसाले में इस्तेमाल होने वाले कच्चे मसालों के उत्पादन में केरल, गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्य सबसे आगे हैं। इन मसालों को कोच्चि, मुंबई और दिल्ली जैसे मसाला केंद्रों में मिलाया जाता है। यहां छोटे कारीगर और बड़ी मसाला कंपनियां, दोनों ही घरेलू उपयोग और वैश्विक निर्यात के लिए गरम मसाला तैयार करते हैं।
भारत कितना गरम मसाला निर्यात करता है?
भारत हर साल हजारों टन मिश्रित मसाले निर्यात करता है, जिसमें गरम मसाला भी शामिल है। इसके प्रमुख आयातक देशों में अमेरिका, यूएई, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। कुछ भारतीय मसाला कंपनियों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में मजबूत पकड़ है। ये ब्रांड मसाला मिक्स निर्यात अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देते हैं।
गरम मसाले का उत्पादन करने वाले अन्य देश
भारत इस मामले में बहुत आगे है, लेकिन पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल जैसे देश भी स्थानीय खपत और विदेशों में बसे अपने समुदायों के लिए गरम मसाला बनाते हैं। हालांकि, भारत की तुलना में उनके उत्पादन की मात्रा और निर्यात का पैमाना बहुत छोटा है।
गरम मसाले के बारे में 5 रोचक तथ्य
-हर भारतीय घर में गरम मसाले का अपना अलग तरीका होता है, जो अक्सर पीढ़ी-दर-पीढ़ी चला आता है।
-पारंपरिक गरम मसाला बनाने के लिए साबुत मसालों को पीसने से पहले भूना जाता है। इससे स्वाद और शेल्फ लाइफ दोनों बढ़ जाते हैं।
-गरम मसाले का इस्तेमाल भारत के बाहर भी होता है, जैसे कि ब्रिटिश करी और पश्चिमी देशों की फ्यूजन रेसिपी में यह इस्तेमाल होता है।
-गरम मसाले में मौजूद कई मसालों, जैसे दालचीनी, लौंग और इलायची में सूजन-रोधी गुण होते हैं और ये पाचन में भी मदद करते हैं।
-भारत सिर्फ मसालों की खेती में ही नहीं, बल्कि उनसे बने तैयार मिश्रणों के मामले में भी आगे है। इस वजह से इसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में एक खास बढ़त मिलती है।
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