भारत के 10 सबसे बड़े डैम कौन से है? यहाँ देखें

Aug 27, 2025, 19:16 IST

बांध महत्वपूर्ण संरचनाएं हैं जो जल संसाधनों के प्रबंधन में मदद करती हैं। ये पीने का पानी उपलब्ध कराने, सिंचाई के लिए पानी देकर खेती में मदद करने और जलविद्युत से बिजली पैदा करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा, बांध भारी बारिश के दौरान पानी के बहाव को नियंत्रित करके बाढ़ को रोकने में भी मदद कर सकते हैं।

भारत में बांध निर्माण का एक लंबा इतिहास रहा है। यहां कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं बनी हैं, जिन्होंने यहां के भू-दृश्य को बदलने और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद की है।
भारत में बांध निर्माण का एक लंबा इतिहास रहा है। यहां कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं बनी हैं, जिन्होंने यहां के भू-दृश्य को बदलने और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद की है।

बांध कोई नई खोज नहीं हैं। इन्हें हजारों सालों से पानी के बहाव को नियंत्रित करने और जलविद्युत ऊर्जा पैदा करने के लिए बनाया जाता रहा है। ये ऐसी महत्वपूर्ण संरचनाएं हैं जो जल संसाधनों के प्रबंधन में मदद करती हैं।

सबसे पहला ज्ञात बांध जॉर्डन में लगभग 3,000 ईसा पूर्व बनाया गया था। इसका उद्देश्य उस क्षेत्र की फसलों के लिए सिंचाई की व्यवस्था करना था। बांध एक बड़ी बाधा होती है, जिसे किसी नदी या धारा पर पानी को रोकने के लिए बनाया जाता है। ये पीने, सिंचाई और उद्योगों के लिए पानी उपलब्ध कराते हैं, जिससे खेती और समुदायों को मदद मिलती है।

 दुनिया में सबसे साफ पानी किस देश में है? यहां जानें नाम 

इस लेख में, हम भारत के अलग-अलग बांधों के बारे में जानेंगे। हम यह भी समझेंगे कि वे देश के जल प्रबंधन और ऊर्जा जरूरतों में कैसे योगदान देते हैं।

भारत में बांध निर्माण का एक लंबा इतिहास रहा है। यहां कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं बनी हैं, जिन्होंने यहां के भू-दृश्य को बदलने और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद की है।

भारत के प्रमुख बांधों की सूची

यहां भारत के शीर्ष 10 प्रमुख बांधों की सूची दी गई है। ये बांध सिंचाई, जलविद्युत उत्पादन और बाढ़ नियंत्रण के लिए पानी की आपूर्ति करते हैं। ये संरचनाएं देश में जल संसाधनों के प्रबंधन और खेती और औद्योगिक गतिविधियों में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस सूची में शामिल हैं:

बांध का नाम

स्थान

नदी

ऊंचाई (मीटर)

लंबाई (मीटर)

बांध का प्रकार

जलाशय की क्षमता (एकड़ फीट)

स्थापित क्षमता (मेगावाट)

उद्देश्य

टिहरी बांध

उत्तराखंड

भागीरथी

260.5

575

Rock-fill

2,100,000

1,000

जलविद्युत, सिंचाई

भाखड़ा नांगल बांध

हिमाचल प्रदेश

सतलज

225

520

Concrete Gravity

7,501,775

1,325

जलविद्युत, सिंचाई

हीराकुंड बांध

ओडिशा

महानदी

61

25,790

Composite

4,779,965

347.5

बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई

नागार्जुन सागर बांध

तेलंगाना

कृष्णा

124

4,863

Masonry

9,371,845

816

सिंचाई, जलविद्युत

सरदार सरोवर बांध

गुजरात

नर्मदा

138.68

1,210

Concrete Gravity

18,000,000

1,450

जलविद्युत, सिंचाई

श्रीशैलम बांध

आंध्र प्रदेश

कृष्णा

145

1,670

Rock-fill

3,660,000

1,670

जलविद्युत, सिंचाई

इंदिरा सागर बांध

मध्य प्रदेश

नर्मदा

92

653

Earthfill

12,220

1,000

जलविद्युत, सिंचाई

इडुक्की बांध

केरल

पेरियार

138.68

650

Arch

2,000

780

जलविद्युत

कोयना बांध

महाराष्ट्र

कोयना

196

1,200

Concrete Gravity

3,640

1,960

जलविद्युत

तुंगभद्रा बांध

कर्नाटक

तुंगभद्रा

49.77

2,200

Concrete Gravity

1,600

70

सिंचाई

स्रोत: Indiawris.gov

टिहरी बांध: 260.5 मीटर की ऊंचाई के साथ यह भारत का सबसे ऊंचा बांध है, जो मुख्य रूप से जलविद्युत के लिए है।

भाखड़ा नांगल बांध: ऊंचाई के मामले में सबसे बड़ा बांध और सिंचाई और बिजली का एक महत्वपूर्ण स्रोत।

हीराकुंड बांध: 25.79 किलोमीटर की लंबाई के साथ यह भारत का सबसे लंबा बांध है, जो बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई का काम करता है।

नागार्जुन सागर बांध: यह अपनी चिनाई वाली संरचना और बड़ी जलाशय क्षमता के लिए जाना जाता है।

सरदार सरोवर बांध: नर्मदा घाटी परियोजना में एक प्रमुख बांध, जिससे सिंचाई के बड़े फायदे हैं।

श्रीशैलम बांध: दक्षिणी राज्यों में जलविद्युत और सिंचाई दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।

इंदिरा सागर बांध: मध्य प्रदेश में बिजली और सिंचाई में योगदान देने वाली एक प्रमुख बहुउद्देशीय परियोजना।

इडुक्की बांध: यह एक आर्च बांध है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जलविद्युत उत्पादन के लिए जाना जाता है।

कोयना बांध: अपनी उच्च स्थापित क्षमता के साथ महाराष्ट्र की ऊर्जा आपूर्ति के लिए आवश्यक है।

तुंगभद्रा बांध: यह अपनी सिंचाई क्षमताओं के माध्यम से खेती में मदद करता है।

भारत में बांधों का महत्व

भारत के बुनियादी ढांचे और विकास में बांधों और जलाशयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। यहां उनके महत्व और प्रकारों को बताने वाले मुख्य बिंदु दिए गए हैं:

जल आपूर्ति: बांध जलाशय बनाते हैं जो पीने, खेती और औद्योगिक उपयोग के लिए पानी जमा करते हैं। इससे सूखे मौसम में भी पानी की एक विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित होती है।

सिंचाई: ये विशाल खेती की जमीनों को जरूरी सिंचाई प्रदान करते हैं, जो खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण आजीविका में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

जलविद्युत उत्पादन: कई बांधों में जलविद्युत संयंत्र लगे होते हैं, जो नवीकरणीय ऊर्जा पैदा करते हैं और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करते हैं।

बाढ़ नियंत्रण: बांध नदी के प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, जिससे भारी बारिश के दौरान निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा कम हो जाता है।

मनोरंजन: जलाशय अक्सर मछली पकड़ने, नौका विहार और पर्यटन जैसी गतिविधियों के लिए मनोरंजन स्थल बन जाते हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है।

पारिस्थितिकी तंत्र को सहारा: अच्छी तरह से प्रबंधित जलाशय पानी के स्तर और गुणवत्ता को बनाए रखकर स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को सहारा दे सकते हैं।

नौ-परिवहन: बांध पानी के स्तर को स्थिर करके और परिवहन और व्यापार को आसान बनाकर नदियों पर नौ-परिवहन में सुधार कर सकते हैं।

बांधों के प्रकार

गुरुत्व बांध (Gravity Dams): ये बांध पानी के बल का सामना करने के लिए अपने वजन पर निर्भर करते हैं। ये आम तौर पर कंक्रीट या चिनाई से बने होते हैं (जैसे, भाखड़ा बांध)।

आर्च बांध (Arch Dams): ये बांध ऊपर की ओर घुमावदार होते हैं और पानी के दबाव को घाटी की दीवारों पर स्थानांतरित कर देते हैं। ये उच्च दबाव वाले वातावरण में कारगर होते हैं (जैसे, इडुक्की बांध)।

तटबंध बांध (Embankment Dams): ये बांध मिट्टी जैसी सामग्री से बनाए जाते हैं। इनका आधार चौड़ा होता है और अक्सर ढीली मिट्टी वाले क्षेत्रों में उपयोग किए जाते हैं (जैसे, हीराकुंड बांध)।

रॉक-फिल बांध (Rock-Fill Dams): ये बांध चट्टानों को जमाकर बनाए जाते हैं और स्थिरता के साथ-साथ पानी की निकासी की क्षमता भी प्रदान करते हैं (जैसे, टिहरी बांध)।

चिनाई बांध (Masonry Dams): ये पत्थर या ईंट से बनाए जाते हैं और पानी के भारी दबाव को झेलने के लिए डिजाइन किए जाते हैं (जैसे, नागार्जुन सागर बांध)।

कंक्रीट-फेस रॉक-फिल बांध: इनमें रिसाव को रोकने और मजबूती बढ़ाने के लिए चट्टानी भराव के साथ एक कंक्रीट की सतह होती है (जैसे, सरदार सरोवर बांध)।

बैराज (Barrages):ये कम ऊंचाई वाली संरचनाएं होती हैं जो बिना ज्यादा पानी जमा किए नदी के प्रवाह को नियंत्रित करती हैं (जैसे, फरक्का बैराज)।

भाखड़ा नांगल और सरदार सरोवर जैसे बांध जलविद्युत उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये देश की ऊर्जा जरूरतों में बड़ा योगदान देते हैं और साथ ही टिकाऊ विकास को बढ़ावा देते हैं।

हालांकि, जल संसाधनों को लेकर भू-राजनीतिक परिदृश्य तेजी से जटिल होता जा रहा है। चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी पर एक विशाल जलविद्युत परियोजना बनाने का प्रस्ताव भारत के लिए गंभीर चिंताएं पैदा करता है।

Bagesh Yadav
Bagesh Yadav

Senior Executive

Bagesh Yadav is an experienced content professional with over 5 years of expertise covering education, national and international affairs, and general news. He has contributed to leading platforms like Ajayvision Education and Only IAS. Bagesh specializes in crafting impactful content, including current news articles, trending stories, sports updates, world affairs, and engaging infographics. Committed to quality and audience engagement, he consistently delivers content that informs, inspires, and drives results. He's currently working as a Senior Content Writer for the Current Affairs sections of Jagranjosh.com. He can be reached at bagesh.yadav@jagrannewmedia.com Languages: Hindi, English Area of Expertise: National, International, and general news beats, Sports writing, Current affairs Honors & Awards: NA Certification: Certified in Web Content Writing, Advanced Google Analytics, IFCN Fact Check, and Professional Writing, with specialized training in Fact Checking and Social Media Management.
... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News