भारत के उत्तर में स्थित राज्य अपनी खास पहचान रखते हैं। इस कड़ी में यहां मौजूद उत्तर प्रदेश भी शामिल है, जो कि विविधताओं का राज्य कहा जाता है। भारत का यह राज्य देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। यह राज्य जितना बड़ा है, उतना ही यहां आर्थिक गतिविधियां भी अधिक हैं।
इसमें यहां मौजूद बैंक भी शामिल हैं, जिनमें निजी, सरकारी व सहकारी, तीनों प्रकार के बैंक शामिल हैं। इन बैंकों में यहां के ग्रामीण बैंक भी शामिल हैं, जो कि राज्य के दूर-दराज गांव तक मौजूद हैं। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि यूपी का सबसे बड़ा ग्रामीण बैंक कौन-सा है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
उत्तर प्रदेश में कितने बैंक हैं
उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीयकृत और क्षेत्रीय बैंकों को मिलाकर 20 हजार से अधिक बैंक हैं। इन बैंकों में एक बड़ी संख्या निजी बैंकों की है। वहीं, प्रदेश में सभी बैंकों को मिलाकर करोड़ों की संख्या में खाते हैं।
उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा ग्रामीण बैंक कौन-सा है
अब हम यह जान लेते हैं कि यूपी का सबसे बड़ा ग्रामीण बैंक कौन-सा है। यूपी का सबसे बड़ा ग्रामीण बैंक उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक है। यह बैंक साल 2025 में ही अलग-अलग तीनों बैंकों के विलय से बना है।
किन तीन बैंकों के विलय से बना है ग्रामीण बैंक
उत्तर प्रदेश में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की महत्ता को देखते हुए 1 मई, 2025 को आर्यवर्त बैंक, यूपी बड़ौदा बैंक और प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक का विलय किया गया है। इससे उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक बना।
प्रदेश में कुल कितनी हैं ग्रामीण बैंक की शाखाएं
उत्तर प्रदेश में मौजूद उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक की सभी 75 जिलों में शाखाएं मौजूद हैं। इनकी संख्या 4300 से अधिक है। अपनी इतनी शाखाओं के साथ यह भारत के सबसे बड़े ग्रामीण बैंकों में से एक है।
कहां है यूपी ग्रामीण बैंक का मुख्यालय
उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक का मुख्यालय राज्य की राजधानी लखनऊ में स्थापित है। वहीं, इसका संचालन बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रयोजन के तहत किया जाता है।
क्या है ग्रामीण बैंक के फायदे
ग्रामीण बैंक के अलग-अलग फायदे हैं, जिनमें ऋण वितरण और डिजिटल सेवाओं का विस्तार प्रमुख है। इससे किसानों और स्वरोजगार प्राप्त ग्रामीण उद्यमियों को त्वरित ऋण स्वीकृति मिलती है।
वहीं, मोबाइल बैंकिंग, यूपीआई और नेट बैंकिंग की सुविधाओं को दूर-दराज गांवों तक पहुंचाया जाता है। साल 2022-23 के आंकड़ों पर गौर करें, तो कुल कृषि ऋण में ग्रामीण बैंकों की हिस्सेदारी 11.2 फीसदी थी। आपको बता दें कि इस बैंक की निगरानी राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक(NABARD) द्वारा की जाती है। इसका मुख्यालय मुंबई है और यह अपने आप में एक वैधानिक निकाय है।
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