World Emoji Day 2025: दुनिया तेजी से बदल रही है। इस बदलाव में डिजिटल युग की अहम भूमिका है, जिसने लोगों की सोचने की शैली तक को बदल दिया है। एक समय था, जब बातचीत के लिए सिर्फ शब्दों का इस्तेमाल किया जाता था। हालांकि, बदलते समय के साथ प्रतिदिन का संवाद भी बदल गया है। अब बातचीत भी डिजिटल हो चली है, जिसमें इमोजी ने संवाद का अंदाज बदला है।
इमोजी के माध्यम से शब्दों के साथ अपनी भवानाओं को साझा करना आसान हो गया है, जिससे सामने वाला व्यक्ति समझ सकता है कि आप किस बात को किस अंदाज में कहना चाह रहे हैं। इसे लेकर हर साल 17 जुलाई को विश्व इमोजी दिवस भी मनाया जाता है। इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर किस प्रकार ये इमोजी इतने महत्त्वपूर्ण हो गए हैं।
World Emoji Day 2025: पहली बार कब हुआ इस्तेमाल
इमोजी का पहली बार इस्तेमाल 1999 में हुआ था। उस समय जापान के एक इंजीनियर शिगेटाका कुरिता नाम के एक इंजीनियर ने डोकोमो नामक मोबाइल कंपनी के लिए इसे बनाया था। उन्होंने बातचीत के दौरान संवाद को और भावनात्मक और बेहतर बनाने के लिए इमोजी को बनाया था, जिससे लोग अपने अंदर की भावना को सामने वाले के सामने व्यक्त कर सके।
शुरुआत में बहुत सीमित थे इमोजी
जिस समय इमोजी को बनाया गया था, उस समय ये बहुत ही सीमित थे। शुरुआती तौर पर इमोजी के नाम पर मौसम और कुछ भावनात्मक इमोजी ही हुआ करते थे। हालांकि, समय के साथ-साथ इनका प्रयोग बढ़ता गया और इन्हें लोगों ने खूब पसंद किया। पश्चिमी देशों में स्मार्टफोन का दौर आने के बाद इनकी लोकप्रियता तेजी से फैली, जिसके बाद इमोजी ने स्मार्टफोन समेत अन्य गैजेट्स में जगह बना ली।
2014 में बनाया गया था पहला इमोजी डे
आपको बता दें कि पहला इमोजी डे साल 2014 में बनाया गया था। इसके बाद से इसे 17 जुलाई को मनाया जाने लगा। इसका प्रमुख उद्देश्य इमोजी को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना और इसके डिजिटल महत्त्व को उजागर करना है।
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