भारत का पहला बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट मुंबई से अहमदाबाद को जोड़ेगा, जो देश में रेल परिवहन के इतिहास में एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। इस हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर को अगस्त 2027 में परिचालन के लिए तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।
यह प्रोजेक्ट भारत और जापान के बीच तकनीकी और आर्थिक सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो न सिर्फ यात्रा समय को घटाएगी बल्कि क्षेत्रीय विकास और औद्योगिक प्रगति को भी गति देगी।
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बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट हाई लाइट्स:
Mumbai-Ahmedabad High Speed Rail (MAHSR) कॉरिडोर की कुल लंबाई 508 किलोमीटर होगी, जो महाराष्ट्र, गुजरात और दादरा एवं नगर हवेली से होकर गुजरेगी।
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पहला फेज अगस्त 2027 में सूरत से बिलिमोरा तक शुरू होगा।
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दूसरा फेज 2028 में थाणे तक और अंतिम चरण 2029 में मुंबई तक पूरा होगा।
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इस रूट में कुल 12 स्टेशन होंगे, और 8 गुजरात में और 4 महाराष्ट्र में।
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अधिकतम गति 320 किमी/घंटा होगी और मुंबई-अहमदाबाद की यात्रा मात्र 3 घंटे से कम में पूरी हो जाएगी।
बुलेट स्पीड से चल रहा निर्माण कार्य:
अब तक परियोजना में कई बड़े माइलस्टोन हासिल किए जा चुके हैं:
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323 किमी वायडक्ट और 399 किमी पियर का निर्माण पूरा।
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211 किमी ट्रैक बेड तैयार और 4 लाख से अधिक नॉइज़ बैरियर्स लग चुके हैं।
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पहाड़ी सुरंगों और 21 किमी के अंडरसी टनल में तेज़ी से काम जारी है।
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सूरत और अहमदाबाद में रोलिंग स्टॉक डिपो बन रहे हैं।
इस पूरी परियोजना में आधुनिक तकनीक, सुरक्षा मानकों और पर्यावरणीय उपायों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
₹1.08 लाख करोड़ का है प्रोजेक्ट:
कुल परियोजना लागत करीब ₹1.08 लाख करोड़ आंकी गई है-
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81% फंडिंग Japan International Cooperation Agency (JICA) से 50 साल के लिए 0.1% ब्याज दर पर ऋण के रूप में।
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शेष 19% केंद्र और राज्य सरकारों के हिस्से से।
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जापानी विशेषज्ञ लगातार तकनीकी सहायता और साइट निरीक्षण में शामिल हैं, जिससे भारत-जापान के संबंध और मज़बूत हो रहे हैं।
गुजरात की अहम भूमिका:
गुजरात में इस परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है, पिछले 11 वर्षों में 2,764 किमी नई रेल लाइन बिछाई गई है।
बता दे कि बुलेट ट्रेन से राज्य में औद्योगिक निवेश, रोजगार और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। विशेषकर जापानी इलेक्ट्रॉनिक और केमिकल कंपनियों के निवेश से उत्तरी गुजरात को टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित किया जा रहा है।
“विकसित भारत” का विजन:
यह बुलेट ट्रेन परियोजना “विकसित भारत” के विजन को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम है। यह परिवहन क्षेत्र में आधुनिक तकनीक और सुरक्षा मानकों का नया मानक तय करेगी।
अगस्त 2027 में जब भारत की पहली बुलेट ट्रेन पटरी पर दौड़ेगी, तब यह न सिर्फ यात्रा के अनुभव को बदल देगी बल्कि क्षेत्रीय विकास, औद्योगिक प्रगति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का भी प्रतीक बन जाएगी।
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