NEP 2020 Homework Innovation: पहले छात्रों के लिए होमवर्क का मतलब होता था मैथ के मुश्किल सवाल सॉल्व करना या लंबे-लंबे क्वेश्चन- आंसर को लिखना और याद करना। लेकिन, यह नीति छात्रों की समझने की क्षमता को कम और रटने की आदत को बढ़ावा देती है। हालांकि, पढ़ाई के तरीके अब बदल रहे हैं। अब होमवर्क छात्रों के लिए मजेदार, दिलचस्प आसान और रचनात्मक बनाए जा रहे हैं, ताकि बच्चे केवल किताबी कीड़े बनकर न रहे। इन नए तरीके का असल मक़सद छात्रों के मन से पढ़ाई का फोबिया निकालकर पढ़ाई से प्यार करवाना है। इससे सीखने की प्रक्रिया अधिक मजेदार और सरल बनती है।
रट्टा मार से रचनात्मकता की ओर बढ़ेंगे बच्चे
अब होमवर्क में लंबे पैराग्राफ याद करने या गणित के सवाल हल करने के लिए नहीं दिए जाते, इसके बजाय अब इन बातों पर जोर दिया जा रहा है कि छात्र चीजों को खुद से सोचने, समझने और बनाने की कोशिश करें। स्कूलों में बच्चों को प्रोजेक्ट बनाना, ग्रुप में काम करना और नई जानकारी पर रिसर्च करने जैसे काम दिए जा रहे हैं। इससे बच्चों की क्रिएटिविटी जागती है और वे अपने खुद के तरीके से सीखते हैं। साथ ही यह छात्रों की सोचने की क्षमता भी बढ़ता है।
प्रधानमंत्री का चलाया नया ‘होमवर्क’ अभियान
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षकों को एक खास टास्क दिया था, जिसमें उन्हें अपने छात्रों के साथ मिलकर देशी उत्पादों का प्रचार करना था और ‘मेक इन इंडिया’, ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसी योजनाओं को बढ़ावा देना था। यह बच्चों के अंदर की देशभक्ति की भावना के साथ-साथ व्यावहारिक सोच को बढ़ाने में मदद करेगा।
NEP से बच्चों को कैसे मिलेगा फायदा
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार, होमवर्क को अब पढ़ाई का बोझ नहीं माना जाएगा। बल्कि इसे बच्चों के लिए एक मनोरंजक और व्यावहारिक बनाने की सलाह दी गई है। कई राज्य बोर्डों और केंद्रीय बोर्ड (सीबीएसई) ने अपने स्कूलों में प्रोजेक्ट-आधारित होमवर्क, प्रयोग और रचनात्मक गतिविधियां करने के निर्देश दिए हैं। अब बच्चों से सिर्फ़ 'क्या' नहीं पूछा जाता, बल्कि 'क्यों' और 'कैसे' पर भी ध्यान दिया जाता है।
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