Delhi School: सीएम रेखा गुप्ता ने लॉन्च किया 'आपदा तैयार स्कूल' अभियान, जानिए पूरी अपडेट

Akshara Verma
Dec 2, 2025, 18:58 IST

दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, मुख्यमंत्री (CM) श्रीमती रेखा गुप्ता ने एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री ने 'आपदा तैयार स्कूल' अभियान को लॉन्च किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य स्कूलों को किसी भी प्रकार की प्राकृतिक या मानव-जनित आपदा का सामना करने के लिए तैयार करना है।

इस अभियान के तहत स्कूलों में बच्चों और टीचर्स को इमरजेंसी स्थितियों से निपटने के लिए तैयार किया जाएगा।

अभियान का मुख्य उद्देश्य 

'आपदा तैयार स्कूल' अभियान केवल सुरक्षा ड्रिल तक ही नहीं, बल्कि इसका लक्ष्य स्कूलों में सुरक्षा की समग्र सेफटी को विकसित करना है।

उद्देश्य  डिटेल्स 
बच्चों की सुरक्षा किसी भी आपदा के दौरान शून्य हताहत सुनिश्चित करना।
प्रशिक्षण टीचर्स, छात्रों और स्कूल कर्मचारियों को आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए तैयार करना।
बुनियादी ढांचा स्कूल की इमारतों को सुरक्षित और भूकंप से बचने के मानदंडों के अनुसार बनाना।
जागरूकता आपदा जोखिमों के बारे में सामुदायिक जागरूकता को बढ़ाना।

टीचर और छात्रों के लिए खास ट्रेनिंग 

'आपदा तैयार स्कूल' अभियान के तहत सभी स्कूलों में विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे। यह ट्रेनिंग राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के निर्देशो पर आधारित होगी।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, "बच्चों की सुरक्षा हमारी पहली और सबसे बड़ी प्राथमिकता है। 'आपदा तैयार स्कूल' अभियान यह सुनिश्चित करेगा कि हमारे बच्चे न केवल शिक्षित हों, बल्कि हर खतरे से सुरक्षित भी रहें।"

ट्रेनिंग एरिया 

  1. फायर सेफ्टी ट्रेनिंग: आग लगने की स्थिति में फायर एक्सटिंग्विशर का उपयोग करना और सुरक्षित एग्जिट रास्तों की जानकारी देना।

  2. भूकंप ड्रिल: "झुको, ढको, पकड़ो" की तकनीक का बच्चों और टीचर्स को अभ्यास कराना।

  3. फस्ट एड: सामान्य चोटों और आपातकालीन स्थितियों में प्राथमिक उपचार प्रदान करने का कौशल सिखाना।

  4. पैनिक मैनेजमेंट: आपदा के दौरान घबराहट को नियंत्रित करने और शांत रहने के तरीके सिखाना।

स्कूलों के लिए नए सुरक्षा मानक 

अभियान के सफल इंप्लीमेंटेशन के लिए स्कूलों को अपनी सुरक्षा व्यवस्था में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने होंगे, जो बच्चों के साथ-साथ टीचर्स के लिए भी सावधान रहें। 

  1. आपदा प्रबंधन टीम: प्रत्येक स्कूल में एक समर्पित आपदा प्रबंधन टीम का गुर्प होना चाहिए, जिसमें टीचर्स, छात्र और कर्मचारी भी शामिल हों।
  2. सुरक्षित स्थान: स्कूल परिसर में सुरक्षा स्थान की पहचान करना और उन्हें स्पष्ट रूप से मार्क करना।
  3. सुरक्षा ऑडिट: नियमित अंतराल पर स्कूल भवन का सुरक्षा ऑडिट कराना जरूरी है। साथ ही, कमियों को तुरंत दूर करना।

इस पहल से दिल्ली के स्कूलों में सुरक्षा का स्तर बढ़ने की उम्मीद है, जिससे छात्र और पैरेंट्स दोनों ही, अधिक सेफ महसूस करेंगे।

Delhi School CM Rekha Gupta Launches Aapda Taiyar School Campaign
Delhi School CM Rekha Gupta Launches Aapda Taiyar School Campaign

दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, मुख्यमंत्री (CM) श्रीमती रेखा गुप्ता ने एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री ने 'आपदा तैयार स्कूल' अभियान को लॉन्च किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य स्कूलों को किसी भी प्रकार की प्राकृतिक या मानव-जनित आपदा का सामना करने के लिए तैयार करना है।

इस अभियान के तहत स्कूलों में बच्चों और टीचर्स को इमरजेंसी स्थितियों से निपटने के लिए तैयार किया जाएगा।

अभियान का मुख्य उद्देश्य 

'आपदा तैयार स्कूल' अभियान केवल सुरक्षा ड्रिल तक ही नहीं, बल्कि इसका लक्ष्य स्कूलों में सुरक्षा की समग्र सेफटी को विकसित करना है।

उद्देश्य  डिटेल्स 
बच्चों की सुरक्षा किसी भी आपदा के दौरान शून्य हताहत सुनिश्चित करना।
प्रशिक्षण टीचर्स, छात्रों और स्कूल कर्मचारियों को आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए तैयार करना।
बुनियादी ढांचा स्कूल की इमारतों को सुरक्षित और भूकंप से बचने के मानदंडों के अनुसार बनाना।
जागरूकता आपदा जोखिमों के बारे में सामुदायिक जागरूकता को बढ़ाना।

टीचर और छात्रों के लिए खास ट्रेनिंग 

'आपदा तैयार स्कूल' अभियान के तहत सभी स्कूलों में विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे। यह ट्रेनिंग राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के निर्देशो पर आधारित होगी।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, "बच्चों की सुरक्षा हमारी पहली और सबसे बड़ी प्राथमिकता है। 'आपदा तैयार स्कूल' अभियान यह सुनिश्चित करेगा कि हमारे बच्चे न केवल शिक्षित हों, बल्कि हर खतरे से सुरक्षित भी रहें।"

ट्रेनिंग एरिया 

  1. फायर सेफ्टी ट्रेनिंग: आग लगने की स्थिति में फायर एक्सटिंग्विशर का उपयोग करना और सुरक्षित एग्जिट रास्तों की जानकारी देना।

  2. भूकंप ड्रिल: "झुको, ढको, पकड़ो" की तकनीक का बच्चों और टीचर्स को अभ्यास कराना।

  3. फस्ट एड: सामान्य चोटों और आपातकालीन स्थितियों में प्राथमिक उपचार प्रदान करने का कौशल सिखाना।

  4. पैनिक मैनेजमेंट: आपदा के दौरान घबराहट को नियंत्रित करने और शांत रहने के तरीके सिखाना।

स्कूलों के लिए नए सुरक्षा मानक 

अभियान के सफल इंप्लीमेंटेशन के लिए स्कूलों को अपनी सुरक्षा व्यवस्था में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने होंगे, जो बच्चों के साथ-साथ टीचर्स के लिए भी सावधान रहें। 

  1. आपदा प्रबंधन टीम: प्रत्येक स्कूल में एक समर्पित आपदा प्रबंधन टीम का गुर्प होना चाहिए, जिसमें टीचर्स, छात्र और कर्मचारी भी शामिल हों।
  2. सुरक्षित स्थान: स्कूल परिसर में सुरक्षा स्थान की पहचान करना और उन्हें स्पष्ट रूप से मार्क करना।
  3. सुरक्षा ऑडिट: नियमित अंतराल पर स्कूल भवन का सुरक्षा ऑडिट कराना जरूरी है। साथ ही, कमियों को तुरंत दूर करना।

इस पहल से दिल्ली के स्कूलों में सुरक्षा का स्तर बढ़ने की उम्मीद है, जिससे छात्र और पैरेंट्स दोनों ही, अधिक सेफ महसूस करेंगे।

Akshara Verma
Akshara Verma

Content Writer

    Akshara Verma is an Executive Content Writer at Jagran Josh, specializing in authoritative content focused on Education, Current Affairs, and General Knowledge. A graduate of Bharati Vidyapeeth's Institute of Computer Applications and Management (BVICAM) with a Bachelor of Journalism and Mass Communication, Akshara leverages her 1.5 years of experience to create impactful pieces, building on her previous roles in content writing and Public Relations at both Genesis BCW and Dainik Bhaskar. She can be reached at akshara.verma@jagrannewmedia.com.

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