कोलकाता का पुराना नाम कलकत्ता था। यह नाम ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान दिया गया था। यह शहर 1772 से 1911 तक ब्रिटिश भारत की राजधानी रहा और इसे एक प्रशासनिक, व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित किया गया था। माना जाता है कि अंग्रेजों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला नाम "Calcutta" कालीकाता से लिया गया था। कालीकाता उन तीन शुरुआती गांवों में से एक था, जिनसे मिलकर यह शहर बना।
इसका नाम कलकत्ता क्यों पड़ा?
माना जाता है कि कलकत्ता नाम कालीकाता से विकसित हुआ है, जो सुतानुटी, गोविंदपुर और कालीकाता नाम के तीन गांवों में से एक था। इन गांवों को 1690 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने मिलाकर इस शहर का गठन किया था। ऐसा माना जाता है कि “कालीकाता” नाम देवी काली से आया है, जिनकी बंगाल में बहुत पूजा की जाती है। अंग्रेजों ने इस नाम को बदलकर कलकत्ता कर दिया, जो तीन सदियों से भी ज्यादा समय तक आधिकारिक नाम बना रहा।
कलकत्ता का नाम बदलकर कोलकाता कब रखा गया?
भारत सरकार ने जनवरी 2001 में आधिकारिक तौर पर Calcutta का नाम बदलकर Kolkata कर दिया। यह नाम बदलने का मकसद शहर के नाम के बंगाली उच्चारण को दर्शाना और इसकी सांस्कृतिक पहचान को वापस लाना था। यह पूरे भारत में चल रहे एक बड़े आंदोलन का हिस्सा था, जिसके तहत औपनिवेशिक काल के नामों को बदलकर स्थानीय भाषाओं और परंपराओं पर आधारित नाम रखे जा रहे थे।
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्त्व
Kolkata या Calcutta, लंबे समय से शिक्षा, राजनीति, साहित्य और कला का केंद्र रहा है। यह इंडियन म्यूजियम जैसे संस्थानों का घर है और यहां रबींद्रनाथ टैगोर, सुभाष चंद्र बोस और स्वामी विवेकानंद जैसी महान हस्तियां भी हुई हैं। आज “Kolkata” शहर का आधिकारिक नाम है। फिर भी, “Calcutta” नाम शहर की सांस्कृतिक यादों में बसा हुआ है और कई संस्थानों और कलात्मक संदर्भों में आज भी इसका इस्तेमाल होता है।
कोलकाता के पुराने नाम के बारे में 7 दिलचस्प तथ्य
-माना जाता है कि “कालीकाता” नाम कालीघाट काली मंदिर से आया है, जो इस शहर को एक आध्यात्मिक आधार देता है।
-कोलकाता मूल रूप से सुतानुटी, कालीकाता और गोविंदपुर से मिलकर बना था, जिन्हें ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने मिला दिया था।
-कलकत्ता नाम का इस्तेमाल 1600 के दशक के अंत के औपनिवेशिक काल के नक्शों, दस्तावेजों और व्यापार के रिकॉर्ड में बड़े पैमाने पर किया गया था।
-कलकत्ता 1911 तक ब्रिटिश भारत की राजधानी रहा। इसके बाद, अंग्रेजों ने राजनीतिक और रणनीतिक कारणों से राजधानी को दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया।
-शहर का नाम 1 जनवरी 2001 को औपचारिक रूप से बदलकर Kolkata कर दिया गया, ताकि यह स्थानीय बंगाली भाषा और उच्चारण के अनुरूप हो।
-शहर का नाम बदलने के बाद भी कलकत्ता हाई कोर्ट आधिकारिक तौर पर औपनिवेशिक नाम का ही इस्तेमाल करता है।
-आधिकारिक बदलाव के बावजूद कलकत्ता नाम साहित्य, कला और बातचीत में आज भी इस्तेमाल होता है, खासकर पुराने निवासियों और अंतरराष्ट्रीय समुदायों के बीच ऐसा है।
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