आज तक नहीं पढ़ी जा सकी हैं दुनिया की ये 5 भाषाएं, यहां जानें

दुनिया के अलग-अलग देशों में हमें अलग-अलग भाषाओं का चलन देखने को मिलता है। इसमें अंग्रेजी भाषा को सबसे अधिक बोला जाता है, जिसके बाद मंदारिन, चीनी, हिंदी, स्पैनिश और फ्रैंच का नंबर आता है। हालांकि, दुनिया में अभी भी कुछ भाषाएं ऐसी हैं, जिन्हें आज तक नहीं समझा जा सका है। कौन-सी हैं ये भाषाएं, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

Aug 8, 2025, 13:22 IST
दुनिया की अनपढ़ी भाषाएं
दुनिया की अनपढ़ी भाषाएं

विश्व में संवाद करने के लिए भाषा सबसे प्रमुख साधन है, जिससे एक व्यक्ति सामने वाले व्यक्ति की बात को समझ सकता है। इससे पहले सिर्फ संकेतों का इस्तेमाल होता था। हालांकि, मानव सभ्यता के साथ भाषाओं का विकास हुआ और संकेतों के साथ शब्द जुड़े। आज दुनिया में हजारों भाषाएं बोली जाती हैं।

इनमें कुछ भाषाएं व्यापक स्तर पर चलन में हैं, तो कुछ भाषाएं सिर्फ सीमित क्षेत्र में ही बोली जाती हैं। वर्तमान में अंग्रेजी भाषा का सबसे अधिक चलन है। इसके बाद मंदारिन का स्थान आता है। वहीं, चीनी, हिंदी, स्पैनिश और फ्रैंच भाषा का स्थान भी दुनियाभर में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में है।

हालांकि, इतिहास के पन्नों में आज भी कई ऐसी भाषाएं मौजूद हैं, जिन्हें आज तक समझा नहीं जा सका है। भाषा विद्वानों ने कई बार इन भाषाओं को समझने का प्रयास किया, लेकिन आज तक कोई भी व्यक्ति इनके सही अर्थ तक नहीं समझ सका है। कौन-सी हैं ये भाषाएं, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

माया लिपि

प्राचीन माया लिपि मेसा अमेरिका में उपयोग होती थी। यह मुख्य रूप से माया सभ्यता द्वारा उपयोग की जाती थी, जिसमें चित्रात्मक संकेत होते थे। कई विद्वानों ने इस भाषा को समझने का प्रयास किया, लेकिन अभी तक यह भाषा अनसुलझी ही रही है।

सिंधु घाटी सभ्यता की भाषा

सिंधु घाटी सभ्यता की भाषा यानि कि इंडस लिपि के राज भी आज तक खुल नहीं पाए हैं। इस सभ्यता को और समझने के लिए इंडस लिपि को समझना जरूरी है, जिसमें करीब 600 प्रतीक बने हुए हैं।  हालांकि, 3300-1700 ईसा पूर्व में उपयोग होने वाली यह भाषा आज तक अनसुलझी ही रही है।

ओलम भाषा

आपने इस भाषा के बारे में मुश्किल ही सुना होगा। यह भाषा मध्य पूर्व में 3000 ईसा पूर्व से 1500 ईसा पूर्व तक बोली जाती थी। हालांकि, समय के साथ सभ्यता विलुप्त हुई और यह भाषा आज तक समझी नहीं जा सकी है।

रोनोर भाषा

रोनोर एक प्राचीन भाषा है, जो कि ईस्टर द्वीप पर चलन में थी। इस भाषा में बहुत-से प्रतीक बने हुए हैं, जिन्हें भाषा विद्वानों ने समझने की कोशिश की, लेकिन अधिक चित्रात्मक होने की वजह से वे इसे शब्दों में नहीं पिरो सके हैं।

क्रीट भाषा

इस भाषा का उपयोग यूनान में कांस्य युग के दौरान किया जाता था। इस भाषा में अलग-अलग आवाजों के लिए अलग-अलग चित्रों का इस्तेमाल होता था। कुछ विद्वानों ने 75 साल पहले इस भाषा को समझना शुरू किया, लेकिन वे कई चित्रों में जाकर उलझ गए और आज तक यह भाषा समझी नहीं जा सकी है।

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
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