कैबिनेट ने मंजूर की प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, जानें कैसे मिलेगा लाभ

PM Dhan Dhanya Krishi Yojana: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दी है। यह योजना अगले छह वर्षों तक चलेगी। इस योजना के अंतर्गत कृषि उत्पादन में पिछड़े जिलों को शामिल किया जाएगा, जिसमें हर राज्य के कम से कम एक जिले होंगे। इस योजना पर हर साल 24 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे जिससे लगभग 1 करोड़ 70 लाख किसानों को लाभ मिलेगा।

Mahima Sharan
Jul 17, 2025, 17:19 IST
PM Jan Dhan Yojana
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PM Dhan Dhanya Krishi Yojana: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्र सरकार ने  "प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना" को मंजूरी दे दी है। इस योजना की शुरुआत 2025-26 से शुरू होगी, जो 100 जिलों को कवर करेगी। वहीं, इस योजना की अवधी करीब 6 सालों की है। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, नीति आयोग के आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम से प्रेरित है और कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों पर केंद्रित अपनी तरह की पहली योजना है।

क्या है प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का उद्देश्य?

इस योजना का उद्देश्य कृषि उत्पादकता में वृद्धि, फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाना, पंचायत और ब्लॉक स्तर पर कटाई के बाद भंडारण क्षमता में वृद्धि, सिंचाई सुविधाओं में सुधार और लॉग टर्म और शॉर्ट टर्म लोन की उपलब्धता को सुचारु बनाना है। यह योजना 2025-26 के बजट में "प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना" के अंतर्गत 100 जिलों के विकास की घोषणा के अनुरूप है। इस योजना का क्रियान्वयन 11 विभागों की 36 मौजूदा योजनाओं, अन्य राज्य योजनाओं और निजी क्षेत्र के साथ स्थानीय भागीदारी के अभिसरण के माध्यम से किया जाएगा।

कैसे चुने जाएंगे 100 जिले?

कम उत्पादकता, कम फसल और कम ऋण वितरण के तीन प्रमुख संकेतकों के आधार पर 100 जिलों की पहचान की जाएगी। प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में जिलों की संख्या शुद्ध फसल क्षेत्र और कार्यशील जोतों के हिस्से पर आधारित होगी। हालांकि, प्रत्येक राज्य से कम से कम एक जिले का चयन किया जाएगा।

योजना के प्रभावी नियोजन, कार्यान्वयन और निगरानी के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर समितियां बनाई जाएंगी। जिला धन धान्य समिति द्वारा एक जिला कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों की योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा, जिसके सदस्य प्रगतिशील किसान भी होंगे। जिला योजनाएं फसल विविधीकरण, जल एवं मृदा स्वास्थ्य संरक्षण, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता तथा प्राकृतिक एवं जैविक खेती के विस्तार जैसे राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप होंगी। प्रत्येक धन धान्य जिले में योजना की प्रगति की निगरानी मासिक आधार पर एक डैशबोर्ड के माध्यम से 117 प्रमुख निष्पादन संकेतकों पर की जाएगी। नीति आयोग भी जिला योजनाओं की समीक्षा और मार्गदर्शन करेगा। इसके अलावा, प्रत्येक जिले के लिए नियुक्त केंद्रीय नोडल अधिकारी भी नियमित आधार पर योजना की समीक्षा करेंगे।

कैसे मिलेगा योजना का लाभ?

जैसे-जैसे इन 100 जिलों में लक्षित परिणामों में सुधार होगा, देश के प्रमुख प्रदर्शन में वृद्धि होगी। इस योजना के परिणामस्वरूप उत्पादकता में वृद्धि होगी, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में मूल्यवर्धन होगा, स्थानीय आजीविका का सृजन होगा और इस प्रकार घरेलू उत्पादन में वृद्धि होगी और आत्मनिर्भर भारत की ओर भारत अधिक मजबूत बनेगा। जैसे-जैसे इन 100 जिलों के संकेतकों में सुधार होगा, राष्ट्रीय संकेतक ऊपर की ओर बढ़ेंगे।




Mahima Sharan
Mahima Sharan

Sub Editor

    Mahima Sharan, working as a sub-editor at Jagran Josh, has graduated with a Bachelor of Journalism and Mass Communication (BJMC). She has more than 3 years of experience working in electronic and digital media. She writes on education, current affairs, and general knowledge. She has previously worked with 'Haribhoomi' and 'Network 10' as a content writer. She can be reached at mahima.sharan@jagrannewmedia.com.

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