भारत के टॉप 10 सैलरी वाले राज्य, देखें लिस्ट

Nov 4, 2025, 17:38 IST

दिल्ली में रोजाना मजदूरी 1,346 रुपये है, जो औसत वेतन के मामले में भारत में सबसे आगे है। इसके बाद कर्नाटक और महाराष्ट्र का स्थान है। इन राज्यों में आईटी, फाइनेंस और मैन्युफैक्चरिंग जैसी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं के कारण मजदूरी ज्यादा है, जो कुशल पेशेवरों को अपनी ओर खींचती है। यह देश भर में आय में बढ़ती क्षेत्रीय असमानता को दिखाता है।

सबसे अधिक वेतन वाले राज्य
सबसे अधिक वेतन वाले राज्य

साल 2025 में भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की रोजाना मजदूरी में एक दिलचस्प अंतर देखने को मिलता है। देश में रोजाना मजदूरी का कुल राष्ट्रीय औसत 1,077 रुपये है, लेकिन यह आंकड़ा बड़े क्षेत्रीय अंतरों को छिपा देता है।

ज्यादा मजदूरी देने वाले राज्यों में महानगरों की अर्थव्यवस्थाएं तेजी से बढ़ रही हैं। यहां फलते-फूलते उद्योग और टेक्नोलॉजी केंद्र हैं, जो बेहतर वेतन पर कुशल कामगारों को आकर्षित करते हैं। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुसार, यहां उन टॉप 10 भारतीय राज्यों की सूची दी गई है जहां रोजाना मजदूरी सबसे ज्यादा है। साथ ही, उनके मुख्य आर्थिक कारण और 2025 में उनके वेतन ढांचे के अनोखे होने की वजहें भी बताई गई हैं।

भारत में सबसे ज्यादा रोजाना वेतन वाले टॉप 10 राज्य (2025)

रैंक

राज्य

रोजाना मजदूरी दर (रुपये में)

1

दिल्ली

1,346

2

कर्नाटक

1,269

3

महाराष्ट्र

1,231

4

तेलंगाना

1,192

5

हरियाणा

1,154

6

तमिलनाडु

1,115

7

गुजरात

1,077

8

उत्तर प्रदेश

1,038

9

आंध्र प्रदेश

1,000

10

पंजाब

962

सबसे ज्यादा रोजाना मजदूरी के पीछे के आर्थिक कारण

दिल्ली 1,346 रुपये की रोजाना मजदूरी के साथ सबसे आगे है। इसका कारण यहां सरकार, आईटी, फाइनेंस और कॉर्पोरेट संस्थानों में उच्च-कौशल वाली नौकरियों का मजबूत आधार होना है। दिल्ली के पास ही गुड़गांव में कॉर्पोरेट केंद्र मौजूद हैं। इस वजह से यहां प्रतिस्पर्धी वेतन स्तर पर प्रतिभाशाली लोग आसानी से मिल जाते हैं।

कर्नाटक का बंगलुरु भारत की टेक्नोलॉजी राजधानी है। यहां तेजी से बढ़ते आईटी और इंजीनियरिंग उद्योगों की वजह से रोजाना मजदूरी 1,269 रुपये तक पहुंच गई है। वहीं, महाराष्ट्र, खासकर मुंबई, में फाइनेंस, मनोरंजन और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के कारण वेतन का स्तर ऊंचा है।

इसके बाद तेलंगाना और हरियाणा का स्थान आता है। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद एक प्रमुख आईटी और फार्मा हब के रूप में उभर रहा है। वहीं, हरियाणा में खास तौर पर फरीदाबाद के आसपास, फैक्ट्री और मैन्युफैक्चरिंग बेल्ट में रोजगार के मौके मिलते हैं, जिससे मजदूरी बढ़ती है।

तमिलनाडु में खासकर चेन्नई में उद्योग और ऑटो क्लस्टर मौजूद हैं। इसके साथ-साथ यहां एक मजबूत आईटी सेक्टर भी है, जो राज्य की ऊंची रोजाना मजदूरी का आधार तैयार करता है।

मजदूरी का पैटर्न और रहन-सहन के हालात

इन प्रमुख राज्यों के ज्यादातर शहरी केंद्रों में महीने में 30,000 रुपये या उससे ज्यादा की सैलरी को एक अच्छा वेतन माना जाता है। यह राशि रोजाना लगभग 1,154 रुपये के बराबर है। इतने पैसों में किराया, खाना-पीना और आने-जाने जैसे रहने के खर्च आसानी से पूरे हो जाते हैं।

हालांकि, दिल्ली और बंगलुरु जैसे शहर पढ़े-लिखे कामगारों को देश में सबसे ज्यादा वेतन देते हैं, लेकिन आर्थिक विकास का दायरा बढ़ाने के लिए कई ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में भी मजदूरी बढ़ाने की तत्काल जरूरत है।

टॉप 10 राज्यों के वेतन पैटर्न की जानकारी नीति बनाने वालों और करियर की उम्मीद रखने वालों के लिए बहुत अहम है। इससे उन्हें यह समझने में मदद मिलती है कि अवसर और समृद्धि इस समय कहां केंद्रित हैं। यही जानकारी भारत के भविष्य को आकार देगी।

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
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