किस देश में हैं सबसे अधिक ज्वालामुखी, यहां पढ़ें

Dec 9, 2025, 14:12 IST

जानें कि किन देशों में सबसे ज्यादा ज्वालामुखी हैं, वे कैसे बनते हैं, ये इलाके इतने सक्रिय क्यों हैं और ज्वालामुखियों से जुड़े कुछ अहम तथ्य भी इस लेख में दिए गए हैं। इंडोनेशिया के विस्फोटक पहाड़ों से लेकर चिली की लंबी ज्वालामुखी श्रृंखला तक, आइए जानते हैं उस देश के बारे में जहां सबसे ज्यादा ज्वालामुखी हैं।

सबसे अधिक ज्वालामुखी वाला देश
सबसे अधिक ज्वालामुखी वाला देश

ज्वालामुखी पृथ्वी की सतह में शक्तिशाली दरारें या छेद होते हैं, जहां से गर्म लावा, राख और गैसें सतह के नीचे से बाहर निकलती हैं। कुछ देशों में ज्वालामुखी ज्यादा होते हैं, क्योंकि वे सबसे सक्रिय टेक्टोनिक प्लेटों की सीमाओं पर बसे हैं। इन ज्वालामुखीय क्षेत्रों में अनोखे नजारे, उपजाऊ मिट्टी और विनाशकारी विस्फोट देखने को मिलते हैं, जिनका असर प्रकृति और इंसानी जीवन दोनों पर पड़ता है। यह समझने से कि ज्वालामुखी कहां हैं, हमें पृथ्वी की बनावट और उन ताकतों के बारे में ज्यादा जानने में मदद मिलती है, जो हमारे ग्रह को आकार देती हैं।

किस देश में सबसे ज्यादा ज्वालामुखी हैं?

दुनिया में सबसे ज्यादा ज्वालामुखी इंडोनेशिया में हैं। यहां 120 से भी ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी हैं। यह देश सीधे प्रशांत महासागर के 'रिंग ऑफ फायर' पर स्थित है, जो दुनिया का सबसे सक्रिय ज्वालामुखीय क्षेत्र है। इंडोनेशिया के द्वीप लगातार होने वाली ज्वालामुखीय हलचल से बने हैं, क्योंकि यहां कई टेक्टोनिक प्लेटें एक-दूसरे को धकेलती हैं, टकराती हैं और एक-दूसरे के नीचे खिसकती हैं। इसके कारण यहां अक्सर विस्फोट, भूकंप और ताकतवर धमाके होते रहते हैं, जिन्होंने हजारों सालों में यहां के भूगोल को आकार दिया है।

ज्वालामुखी कैसे बनते हैं?

ज्वालामुखी तब बनते हैं, जब पिघली हुई चट्टानें, जिन्हें मैग्मा कहा जाता है, पृथ्वी की सतह की दरारों से ऊपर उठती हैं। यह आमतौर पर टेक्टोनिक प्लेटों की सीमाओं पर होता है, जहां प्लेटें अलग-अलग दिशाओं में हिलती हैं। जब मैग्मा सतह पर पहुंचता है, तो यह लावा, राख और गैसों के रूप में फूट पड़ता है और धीरे-धीरे एक ज्वालामुखी पहाड़ का रूप ले लेता है।

सबसे ज्यादा ज्वालामुखी वाले टॉप देश

1. इंडोनेशिया

इंडोनेशिया में 130 से ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा हैं। यह इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट, पैसिफिक प्लेट और यूरेशियन प्लेट के बीच स्थित है, जिस वजह से यह क्षेत्र बहुत अस्थिर है। मेरापी, क्राकाटोआ और तंबोरा जैसे ज्वालामुखियों में ऐतिहासिक विस्फोट हुए हैं। इन विस्फोटों ने यहां के नजारों को बदल दिया, बस्तियों को तबाह कर दिया और भारी मात्रा में राख हवा में छोड़ने के कारण दुनिया के तापमान पर भी असर डाला।

2. जापान

जापान में 100 से ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी हैं। इसका कारण यह है कि यह देश चार बड़ी टेक्टोनिक प्लेटों के मिलन बिंदु पर स्थित है। यहां हर साल नियमित रूप से विस्फोट, भूतापीय हलचल और हजारों भूकंप आते हैं। माउंट फूजी यहां का सबसे प्रसिद्ध ज्वालामुखी है और देश का राष्ट्रीय प्रतीक भी है। जापान ज्वालामुखीय गर्मी का इस्तेमाल गर्म पानी के झरनों, पर्यटन और भूतापीय ऊर्जा के लिए करता है, जिससे शहरों को बिजली मिलती है।

3. संयुक्त राज्य अमेरिका

संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 65 सक्रिय ज्वालामुखी हैं, जिनमें से ज्यादातर अलास्का में हैं। अकेले अलास्का में कई देशों से ज्यादा ज्वालामुखीय हलचल होती है, क्योंकि यह 'रिंग ऑफ फायर' के उत्तरी किनारे पर स्थित है। हवाई में शील्ड ज्वालामुखी हैं, जो धीरे-धीरे बहने वाला लावा छोड़ते हैं, जिससे नई जमीन बनती है। अमेरिका में माउंट सेंट हेलेंस जैसे खतरनाक ज्वालामुखी भी हैं, जिसमें 1980 में एक भयंकर विस्फोट हुआ था। इस विस्फोट ने पूरे इलाके का नक्शा ही बदल दिया।

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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