Chirag Paswan Hindi Biography: बिहार की राजनीति का ग्राफ उठाकर देखें, तो इस ग्राफ में हमें कई बड़े नेताओं के नाम देखने को मिलते हैं। सत्ता के गलियारे में इन नेताओं में बीते कई वर्षों में अपनी अलग छाप छोड़ी है। हालांकि, इस सूची में एक नया नाम भी शामिल है, लेकिन उस नाम के पीछे की विरासत काफी पुरानी है।
वह नाम है चिराग पासवान, जो अपने पिता रामविलास पासवान से मिली राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। यही वजह है कि उन्होंने पहले इंजीनियिरंग में करियर बनाने की सोची, लेकिन बीच में ही छोड़ सपनों की दुनिया मुंबई का रूख किया और फिल्म उद्योग से जुड़ गए। हालांकि, यहां भी उन्होंने लंबी पारी नहीं खेली और राजनीति के पथ पर खुद को अग्रसर किया। इस लेख में हम चिराग पासवान के जीवन के बारे में जानेंगे।
चिराग पासवान का व्यक्तिगत जीवन
चिराग पासवान का जन्म 31 अक्टूबर 1982 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता प्रसिद्ध राजनेता और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक राम विलास पासवान थे। वहीं, रीना शर्मा एक पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखती थीं। हालांकि, कुछ स्रोतों में उन्हें एक एयर होस्टेस बताया गया है।
दीपू नाम से भी जाने जाते हैं चिराग
चिराग पासवान का पूरा नाम चिराग कुमार पासवान है। हालांकि, उनके माता-पिता द्वार उन्हें प्यार से दीपू कहा जाता था।
कहां और कितने पढ़े-लिखे हैं चिराग
चिराग पासवान ने प्रारंभिक पढ़ाई दिल्ली से की है। उन्होंने झांसी के एक कॉलेज से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में दाखिला लिया, लेकिन तीसरे सेमेस्टर में उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया।
फिल्म में अजमाया हाथ
चिराग ने इंजीनियरिंग छोड़ने के बाद फिल्मों में अभिनय कर हाथ अजमाया। उन्होंने 2011 में आई फिल्म ‘मिले न मिले हम’ में अभिनेत्री कंगना रन्नौत के साथ काम किया। हालांकि, इस फिल्म में कुछ खास कमाल नहीं किया और फ्लॉप हो गई। इससे बाद उन्होंने फिल्म उद्योग को भी बाय-बाय बोल दिया और पिता के साथ राजनीति में प्रवेश किया।
युवा नेता के रूप में बनाई पहचान
-चिराग पासवान ने 2014 में लोक जनशक्ति पार्टी से लोकसभा चुनाव में कदम रखा और पहली बार जमुई से सासंद चुने गए।
-उन्होंने पूरे 5 वर्ष सांसद के रूप में पूरे किए और 2019 में फिर से जमुई लोकसभा से जीत का परचम लहराया।
-2021 में अपने चाच पशुपति के विवाद के बाद लोक जनशक्ति पार्टी(रामविलास पासवान) का गठन किया और इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।
-साल 2024 में चिराग ने अपने पिता रामविलास पासवान की पारंपरिक सीट यानि कि हाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा और इस सीट पर भी उन्होंने जीत हासिल कर तीसरी बार सांसद की सीट हासिल की। वहीं, जून 2024 में वह केंद्रीय मंत्री बन गए।
बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट के लिए मशहूर
चिराग पासवान को युवा नेता के तौर पर जाना जाता है। साथ ही, युवाओं में वह अपने प्रसिद्ध नारे बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट के लिए जाने जाते हैं। उनकी पार्टी एनडीए गठबंधन में शामिल है।
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