Shibu Soren Political Career: गांव के आदिवासी से झारखंड के सीएम तक, जानें कैसा रहा शिबू सोरेन सफर

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और एक प्रमुख आदिवासी नेता शिबू सोरेन का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह झारखंड के इतिहास के एक मजबूत राजनीतिक नेता रहे हैं। आज हम उनके प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, राजनीतिक यात्रा, प्रमुख उपलब्धियों और विरासत पर रोशनी डालेंगे।

Aug 4, 2025, 12:30 IST
Shibu Soren Biography
Shibu Soren Biography

Shibu Soren Biography: राज्यसभा सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री, झारखंड के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापकों में से एक शिबू सोरेन का आज 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। पिछले एक महीने से ज़्यादा समय से उनका दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में इलाज चल रहा था और पिछले कुछ दिनों से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी, जिसके बाद आज उन्होंने अस्पताल में अपनी आखिरी सांसे लीं।

शिबू सोरेन झारखंड के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण नेताओं में से एक थे। "दिशोम गुरु" के नाम से पहचाने जाने वाले सोरेन ने आदिवासियों के अधिकारों के लिए काफी काम किया और झारखंड राज्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री भी रहे। दुनिया को अलविदा कहने के बाद वह अपने पीछे एक मज़बूत राजनीतिक विरासत छोड़ गए।

शिबू सोरेन का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी, 1944 को झारखंड के रामगढ़ ज़िले के नेमरा गांव में हुआ था। वे संथाल आदिवासी समुदाय से संबंध रहते हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव में ही पूरी की और बाद में हज़ारीबाग के गोला हाई स्कूल से दसवीं पास की। बचपन से ही वह भेद-भाव के गवाह रह चुके हैं। छोटी उम्र से ही उन्होंने साहूकारों और ज़मींदारों द्वारा गरीब आदिवासियों का शोषण करते देखा है। इससे उनमें उनके अधिकारों के लिए लड़ने का दृढ़ संकल्प पैदा हुआ। 1962 में, जब वे मात्र 18 वर्ष के थे तब उन्होंने सामाजिक परिवर्तन के लिए आदिवासी युवाओं को एकजुट करने हुए संथाल नवयुवक संघ की स्थापना की।

झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन

1972 में, शिबू सोरेन ने बिनोद बिहारी महतो और ए. के. रॉय के साथ मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना की थी। इस संगठन का उद्देश्य क्षेत्र के आदिवासियों के लिए न्याय दिलाना, भूमि अधिकार और एक अलग राज्य की स्थापना करना था।

संसद सदस्य

वे दुमका से सात बार लोकसभा के लिए चुने गए, 1980 में, 1989 से 1998 तक और फिर 2002 से 2019 तक। इसके बाद, उन्होंने जून 2020 से 2025 में अपने निधन तक राज्यसभा के सदस्य रहे।

झारखंड के मुख्यमंत्री

शिबू सोरेन तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे, 2005 में, अगस्त 2008 से जनवरी 2009 तक और दिसंबर 2009 से मई 2010 तक। हालांकि ये कार्यकाल छोटे थे, फिर भी उन्होंने झारखंड की राजनीतिक पहचान को मज़बूत करने के लिए काम किया। सिर्फ इतना ही नहीं शिबू सोरेन 2004 से 2006 के बीच यूपीए सरकार में केंद्रीय कोयला मंत्री भी रहे।

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Mahima Sharan
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Sub Editor

Mahima Sharan, working as a sub-editor at Jagran Josh, has graduated with a Bachelor of Journalism and Mass Communication (BJMC). She has more than 3 years of experience working in electronic and digital media. She writes on education, current affairs, and general knowledge. She has previously worked with 'Haribhoomi' and 'Network 10' as a content writer. She can be reached at mahima.sharan@jagrannewmedia.com.

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