भारत में इंटर्नशिप का कल्चर तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है। जिसमें छात्र अपनी डिग्री से ज्यादा महत्व स्किल को दे रहे हैं। यही कारण है कि इंटर्नशिप की डिमांड समय के साथ - साथ बढ़ती नजर जा रही है। व्हीबॉक्स इंडिया स्किल्स की रिपोर्ट 2025 के अनुसार, सर्वे किए गए 93.23% स्टूडेंट ने अपनी फुल टाइम नौकरी को शुरू करने से पहले इंटर्नशिप में गहरी रुचि दिखाई है।
यह डेटा दर्शाता है कि देश में लगभग हर छात्र इंटर्नशिप को अपनी नौकरी से पहले एक्सपीरियंस करना चाहते हैं। इससे यह भी पता चलता है कि स्टूडेंट अब अपनी स्किल को बेहतर ढंग से निखारने के लिए तैयार होना चाहते हैं।
यदि हम दो दशक पहले की बात करें जब स्टूडेंट अपनी स्किल को लेकर जागरूक नहीं थे या ऑफिस का अनुभव हासिल करने के बारे में नहीं जानते थे। अधिकांश स्टूडेंट 26 से 33 लाख रुपये प्रति वर्ष के शुरुआती वेतन की उम्मीद करते हैं और स्किल के साथ अच्छी सैलरी की अपेक्षा करते हैं।
प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का लक्ष्य, कॉलेज और अन्य प्लेटफार्म में हुई वृद्धि
भारत में इंटर्नशिप के लिए बदलता माहौल वैकल्पिक अनुभव से एक प्रमुख गेटवे में बदल गया है। AICTE (ऑल इंडिया काउंसिल फोर टेक्निकल एजुकेशन) ने साल 2025 में 1 करोड़ इंटर्नशिप का लक्ष्य रखा है। वहीं बात करें, प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (PMIS) की तो, वित्त वर्ष 26 के लिए लक्ष्य को बढ़ाकर 7 लाख पद कर दिया है।
साल 2024 में Internshala जैसे प्लेटफॉर्म ने अपने अवसरों में 25% वृद्धि और पांच वर्षों में 135% वृद्धि की रिपोर्ट दी है। इंटर्नशिप की रिपोर्ट के अनुसार हाईब्रिड और रिमोट मोड ने प्रवेश के द्वार आसान कर दिए हैं।
कर्नाटक की VTU यूनिवर्सिटी (Visvesvaraya Technological University) ने इंटर्नशिप को अनिवार्य पार्टल आधारित भी बना दिया है।
रिपोर्ट के आधार पर स्टूडेंट की पहली सैलरी की अपेक्षा
इंडिया स्किल रिपोर्ट 2025 में कुछ स्टूडेंट का कहना है कि वह अपनी पहली सैलरी की अपेक्षा लगभग 2 लाख से 3 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच करते हैं। 43.20% स्टूडेंट अपनी पहली सैलरी की अपेक्षा ज्यादा करते हैं और दूसरी ओर बाकी हिस्सा सीखने और विकास के अवसरों के आधार पर फ्लेक्सिबल होने का संकेत देता है। इतना ही नहीं बल्कि स्टूडेंट इसके आलावा मार्गदर्शन, कौशल निर्माण और वर्क प्लेस कल्चर पर ज्यादा ध्यान देते हैं।
यह राज्य इंटर्नशिप में रुचि दिखाने में रहे सबसे आगे
भारत में इंटर्नशिप में रुचि दिखाने में सबसे आगे रहने वाले राज्यों में तमिलनाडु रहा है, यह राज्य 97.46 फीसदी के साथ पहले स्थान पर है। नीचे टेबल में देखें अन्य राज्यों के नाम की लिस्ट:
| रैंक | इंटर्नशिप में रुचि रखने वाले राज्य | इंटर्नशिप में रुचि रखने वालों का प्रतिशत |
| 1. | तमिलनाडु | 97.46% |
| 2. | उत्तर प्रदेश | 97.39% |
| 3. | केरल | 96.05% |
| 4. | कर्नाटक | 94.64% |
| 5. | आंध्र प्रदेश | 94.34% |
| 6. | हरियाणा | 92.06% |
| 7. | महाराष्ट्र | 91.54% |
| 8. | गुजरात | 86.48% |
| 9. | दिल्ली | 81.48% |
| 10. | तेलंगाना | 71.43% |
इंटर्नशिप जॉब से पहले इतनी जरूरी क्यों है?
इंटर्नशिप करियर से जुड़ी मजबूत नींव है, जो स्टूडेंट को वर्क प्लेस का वास्तविक अनुभव और कौशल विकास बढ़ाने में मदद करता है। इंटर्नशिप से आप समझ पाते हैं कि किताबों से बाहर निकलकर वास्तविक कार्य का अनुभव कितना अलग होता है।

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इंटर्नशिप के दौरान आप टीमवर्क, कम्यूनिकेशन, टाइम मैनेजमेंट और प्रोफेशनल एथिक्स के बारे में सीखते हैं।
कई बार स्टूडेंट को अपने करियर को लेकर उलझनें बनी रहती हैं, जिससे उन्हें सही करियर पाथ चुनने में परेशानी आती है। लेकिन, इंटर्नशिप में आपको इन सवालों के नए जवाब मिलते हैं। आप अपनी रुचि और ताकत को पहचान सकते हैं। नौकरी के नए अवसर और सही गाइडेंस ही वे कारण हैं जिसके लिए इंटर्नशिप जॉब से पहले जरूरी समझी जाती है।
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